विधान परिषद में भिड़ गए खडसे और महाजन
- एकनाथ ने कहा- आप जलगांव के पालक मंत्री नहीं बन पाए
- महाजन बोले- आप मेरे पद की चिंता करने के बजाय अपनी हालत देखिए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में राकांपा (शरद गुट) के सदस्य एकनाथ खडसे और प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन सदन में भिड़ गए। खडसे ने जलगांव का पालक मंत्री न बन सकने को लेकर महाजन पर कटाक्ष किया। इस पर पलटवार करते हुए महाजन ने खडसे से कहा कि आप मेरे पद की चिंता मत करिए। आप अपनी हालत देखिए कि क्या हो गई है ? दरअसल, गुरुवार सदन में खडसे ने नियम 289 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से कपास को उचित दाम न मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महाजन ने लगभग 10 साल पहले कपास को दाम दिलाने को लेकर आंदोलन किया था। ऐसा कहा जाता है कि महाजन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी हैं। इसलिए वे कपास को उचित दाम दिलाने के लिए प्रयास करें। इस पर महाजन ने खडसे से कहा कि आपको मालूम नहीं है क्या कि मैं मुख्यमंत्री का करीबी हूं ? जिस पर खडसे ने कहा कि मुझे अभी विश्वास नहीं है कि आप मुख्यमंत्री के करीब हैं। यदि आप मुख्यमंत्री के करीबी होते तो अब तक आप जलगांव का पालक मंत्री बन गए होते। इसके जवाब में महाजन ने खडसे से कहा कि मैं मुख्यमंत्री का करीबी हूं। लेकिन आप देखिए कि राकांपा (शरद गुट) में आपकी स्थिति क्या हो गई है ? आप पूर्व की भाजपा सरकार में राज्य के 10 विभागों के कैबिनेट मंत्री थे। अब पिछले दरवाजे से विधान परिषद के सदस्य बने हैं। आपके गांव और नगर पालिका में भी आपका वर्चस्व नहीं बचा है। जलगांव दुध संघ पर भी कब्जा नहीं रह गया है। इस पर खडसे ने महाजन को जवाब देने की कोशिश की। लेकिन उपसभापति नीलम गोर्हे ने खडसे और महाजन दोनों को समझाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद दोनों लोग शांत हुए। इससे पहले महाजन ने कहा कि मैंने कपास की उचित कीमत देने की मांग को लेकर दस दिनों तक अनशन किया था। उस समय देवेंद्र फडणवीस के आग्रह के बाद मैंने अनशन वापस लिया था। महाजन ने कहा कि सरकार कपास की कम कीमतों को लेकर गंभीर है। किसानों ने दाम गिरने के कारण 50 प्रतिशत कपास को अपने घर में रखा है। सरकार कपास को उचित दाम दिलाने के लिए ठोस फैसला करेगी।