मराठा आरक्षण आंदोलन: जरांगे-पाटील ने जीती बाजी, मराठों के सगे-संबंधियों को भी जारी होगा कुणबी प्रमाण-पत्र
- सरकार ने जारी अधिसूचना
- मुख्यमंत्री शिंदे ने तुड़वाया जरांगे-पाटील का अनशन, लौटने लगे मराठा कार्यकर्ता
- अदालत में टिक नहीं पाएगी सरकार: भुजबल
- कोर्ट में देंगे चुनौती, सोमवार का करें इंतजार: सदावर्ते
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आंदोलन कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटील ने राज्य सरकार की ओर से मराठा समाज के लोगों और उनके सगे-संबंधियों को भी कुणबी जाति का प्रमाणपत्र देने संबंधी अधिसूचना जारी करने के बाद अनशन को खत्म कर दिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नवी मुंबई के वाशी में जरांगे-पाटील से मुलाकात कर अधिसूचना के मसौदे की प्रति सौंपी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जरांगे-पाटील को शरबत पिलाकर उनका अनशन खत्म कराया। हालांकि प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर नाराजगी जताई है।
इससे पहले जरांगे-पाटील 25 जनवरी को देर रात नवी मुंबई पहुंचे थे। वे 26 जनवरी को मुंबई के आजाद मैदान पर अनशन शुरू करने वाले थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें मुंबई की सीमा पर रोक दिया। इसके बाद उन्होंने नई मुंबई में ही अनशन शुरू किया था। शुक्रवार को सरकार के प्रतिनिधिमंडल और जरांगे-पाटील की बैठक हुई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सगे-संबंधियों से संबंधित अधिसूचना जरांगे-पाटील को सौंपा। सरकार ने मराठा समाज के लोगों के सगे-संबंधियों को भी कुणबी प्रमाणपत्र देने के लिए मान्यता दिया है। इससे आवेदनकर्ता को पिता, दादा, परदादा सहित उससे पहले की पीढ़ी के लोगों के कुणबी जाति के उल्लेख के आधार पर प्रमाणपत्र मिल सकेगा। सरकार ने इस अधिसूचना पर 16 फरवरी तक आपत्तियां और सुझाव मंगाया है।
एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री के मुताबिक मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज की कसम खाई थी। मैंने अपने वादे को पूरा कर दिया है। सरकार ने संगे-संबंधियों को भी कुणबी जाति का प्रमाणपत्र देने के लिए अधिसूचना जारी किया है। सरकार ने वोटों के लिए नहीं बल्कि लोगों के हित के लिए फैसला किया है। मराठा समाज को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद आरक्षण दिया जाएगा। तब तक राज्य में ओबीसी समाज को लागू सभी योजनाओं का लाभ मराठा समाज को भी दिया जाएगा।
मनोज जरांगे-पाटील, मराठा आरणक्षण आंदोलन कर्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मुझे सगे-संबंधियों के अधिसूचना के मसौदे को लागू करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने भरोसा दिया है कि संबंधित अधिसूचना को कानून में रूपांतरित किया जाएगा। यदि सरकार ने वादा पूरा नहीं किया तो मैं फिर से आजाद मैदान जाकर अनशन करूंगा। फिर मैं मुंबई को नहीं चलने दूंगा। मुझे विश्वास है कि सरकार मराठा समाज से विश्वासघात नहीं करेगी।
देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री के मुताबिक मराठा आंदोलन को लेकर दर्ज मामले वापस लिए जा रहे हैं, लेकिन जिन लोगों के खिलाफ घर जलाने, पुलिस पर हमले, एसटी बसों को जलाने जैसे गंभीर मामले हैं, वह अदालत के आदेश के बैगर वापस नहीं लिए जा सकते।
अजित पवार, उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री के मुताबिक मुख्यमंत्री ने शिवसेना (शिंदे) की दशहरा रैली में मराठा आरक्षण को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने कसम खाई थी। मुख्यमंत्री ने अपने वादे को सच करके दिखाया है।
भीड़तंत्र में कोई नियम-कानून नहीं बदल सकता है: भुजबल
प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि फिलहाल ऐसा लग रहा है कि मराठा समाज की जीत हुई है मगर मुझे व्यक्तिगत रूप से ऐसा नहीं लगता है, क्योंकि कोई भीड़तंत्र से नियम और कानून नहीं बदल सकता है। अदालत में सगे-संबंधियों वाली अधिसूचना कानून की कसौटी पर टिक नहीं पाएगी। इस बीच भुजबल ने रविवार शाम पांच बजे ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई है।
गुणरत्न सदावर्ते, वकील के मुताबिक सगे-संबंधियों को लेकर जारी अधिसूचना कानून के मापदंडों पर टिक नहीं पाएगी। मैं बाम्बे हाईकोर्ट में इस सरकार के अधिसूचना को चुनौती दूंगा। बस सोमवार का दिन आने का इंतजार कीजिए।
मराठा आरक्षण को लेकर सवाल जो सबके मन में है
सवाल - मराठा समाज को आरक्षण लागू हो गया क्या ?
जवाब - नहीं, फिलहाल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समाज के पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए सर्वे कर रहा है। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री के कथन के मुताबिक सरकार मराठा समाज को आरक्षण के लिए फरवरी में विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित करेगी।
सवाल - फिर मनोज जरांगे-पाटील के मुंबई मार्च से मराठा समाज को क्या फायदा मिला?
जवाब – जरांगे-पाटील के मुंबई के सीमा पर पहुंचने के बाद सरकार हरकत आई है। जिसके बाद सरकार ने मराठा समाज के सगे-संबंधियों को भी कुणबी प्रमाणपत्र देने के लिए अधिसूचना जारी किया है।
सवाल – सगे-संबंधियों को तत्काल प्रमाणपत्र मिल सकेगा क्या?
जवाब - नहीं, सरकार ने सगे-संबंधियों से संबंधित अधिसूचना पर 16 फरवरी तक आपत्तियां और सुझाव मंगाया है। उसके बाद सरकार के अधिसूचना का मसौदे को लागू करेगी। इसलिए सगे-संबंधियों को तुरंत प्रमाणपत्र नहीं मिल सकेगा। दूसरी ओर अधिसूचना जारी होने से नाराज ओबीसी समाज के कुछ नेताओं ने अदालत में जाने की तैयारी की है।
सवाल- मनोज जरांगे-पाटील अब क्या करेंगे
जवाब - मनोज जरांगे-पाटील के मुताबिक वे लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि सगे-संबंधियों की अधिसूचना लागू करने के बारे में सुनिश्चित करने के लिए तहसीलवार और जिलेवार टीम तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा है कि वे जरूरत पड़ी तो वह फिर से आंदोलन करेंगे।