लोकसभा चुनाव: नारी वंदन शक्ति की बजाय सियासी दलों का आपराधिक शक्ति पर ज्यादा रहा जोर

  • 33 फीसद प्रत्याशी करोड़पति
  • नारी शक्ति की स्थिति

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-13 16:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, सुनील निमसरकर, लोकसभा चुनाव में कई पहलू आश्चर्यचकित करने वाले है। इस चुनाव में एक तरफ जहां महिला उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व निराशाजनक रूप से निम्नतम स्तर पर बरकरार है, वहीं दूसरी तरफ हर चरण में चुनाव मैदान में उतरे आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या में लगातार बढोतरी दिख रही है। 5वें चरण में 23 फीसद दागी चुनाव मैदान में है जिनका चौथे में प्रतिशत 21 था। इसके उलट महिला उम्मीदवारों की बात करें तो कुल उम्मीदवारों की तुलना में इनकी संख्या 12 फीसदी से भी कम है। इससे यह साफ है कि सियासी दल भले ही नारी शक्ति को बढावा देने की बाते कहते हों, लेकिन जब चुनाव मैदान में उतारने के मामले में इनका रूख नारी शक्ति के मुकाबले आपराधिक शक्ति को बढावा देने की ओर ज्यादा दिख रहा है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा किए गए पांचवे चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के शपथपत्र के विश्लेषण के मुताबिक इस चरण में कुल 695 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है। इनमें से 159 (23 फीसद) उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। जबकि 122 (18 प्रतिशत) उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। 3 उम्मीदवारों ने ऐसे मामले घोषित किए हैं, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है। 4 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं। वहीं, 28 प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले हैं। 29 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध और इनमें से एक के खिलाफ बलात्कार का आरोप है।

नारी शक्ति की स्थिति

पिछले साल सितंबर में महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद महिलाओं की 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व बढने की उम्मीद जगी होगी, लेकिन नारी शक्ति का दम भरने वाले सियासी दलों इस चुनाव में महिला प्रतिनिधित्व को बढावा देने की दिशा में सक्रियता नहीं दिखाई। जारी लोकसभा चुनाव के हर चरण में उतारे गए महिला उम्मीदवारों की संख्या पर गौर करें तो इनका प्रतिनिधित्व निम्नस्तर पर दिखाई देता है, जो हर चुनाव में ऐसी ही स्थिति रही है। पांचवे चरण में चुनाव लड़ रहे कुल 695 उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या केवल 82 है जो कुल उम्मीदवारों के मुकाबले 11. 79 फीसदी है।

एडीआर के मुताबिक लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 135 (8 प्रतिशत) महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि दूसरे चरण में यह आंकडा 100 (8 प्रतिशत) था। इसी तरह चुनाव के तीसरे चरण में 123 (9 प्रतिशत) तो चौथे चरण में कुल 1710 उम्मीदवारों में से 170 (9.9 प्रतिशत) महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।

33 फीसद प्रत्याशी करोड़पति

विश्लेषण के मुताबिक 33 फीसद उम्मीदवार करोड़पति हैं। प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 3.56 करोड़ रुपये पाई गई। सबसे अधिक संपत्ति वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों ने 110 से लेकर 212 करोड़ रुपये तक की संपत्ति घोषित की है। एडीआर ने उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताओं पर चिंता पैदा की है, क्योंकि 42 प्रतिशत उम्मीदवारों की योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच है, केवल 50 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातक या इससे अधिक है।

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