हाई कोर्ट ने शिंदे की दशहरा रैली के खिलाफ जनहित याचिका पर उठाए सवाल
- हाई कोर्ट ने पूछा- जानकारी का स्रोत क्या है
- शिंदे की दशहरा रैली के खिलाफ जनहित याचिका पर सवाल
- राजनीति से प्रेरित बताई याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एकनाथ शिंदे की 2022 दशहरा रैली के खिलाफ जनहित याचिका के मकसद पर सवाल उठाए। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को वकील नितिन सातपुते की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि इस जनहित याचिका में आपने जो जानकारी प्रस्तुत की है, उसका स्रोत क्या है? यह एक राजनीति से प्रेरित जनहित याचिका है। वकील ने जवाब दिया कि ‘मीडिया और समाचार पत्र।’ खंडपीठ ने कहा कि आप एक वकील हैं। अपने पेशे को गंभीरता से लें। मुद्दे से न भटकें। आप ने सुबह जो कुछ पढ़ा है, उसके आधार पर एक जनहित याचिका दायर न करें। अपने पेशे पर ध्यान दें। याचिकाकर्ता के वकील नितिन सातपुते अदालत में मौजूद नहीं थे। इसलिए खंडपीठ के समक्ष उन्होंने अपनी सहयोगी वकील को भेजा था। 17 अगस्त को जनहित याचिका फिर से सुनवाई होगी।
याचिका में की गई मांग
शिंदे और उनकी पार्टी के सदस्यों द्वारा दशहरा रैली पर हुए खर्च की जांच हो।
सीबीआई, ईडी या मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा जैसी एजेंसियों से जांच हो।
5 अक्टूबर को बीकेसी में रैली आयोजित की गई थी।
राज्यभर से लगभग 2 लाख की भीड़ उमड़ी थी।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की 1700 बसों की सेवा ली गई।