शेलार पर कार्रवाई को लेकर हाई कोर्ट ने पुलिस को स्पष्ट रुख अपनाने का दिया आखिरी मौका
- पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला
- शेलार पर कार्रवाई को स्पष्ट रुख अपनाने का पुलिस को आखिरी मौका
- मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में शेलार के खिलाफ एफआईआर दर्ज
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मरीन ड्राइव पुलिस से पूछा कि वह बीजेपी के आशीष शेलार के खिलाफ दर्ज मामले को क्या आगे बढ़ाना चाहती है? अदालत ने पुलिस को को आखिरी मौका देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि पुलिस की ओर से कोई ठोस रुख अपनाया जाए। साल 2021 में शेलार के खिलाफ मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया था। मामले की अगली 25 अगस्त को होगी।
न्यायमूर्ति एन.डब्ल्यू.साम्ब्रे और न्यायमूर्ति आर.एन. लड्ढा की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को आशीष शेलार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील मर्चेंट ने कहा कि याचिकाकर्ता का महापौर की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। उनकी टिप्पणियां संबंधित सार्वजनिक व्यक्तित्व पर निर्देशित थीं, जो दुर्घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। उनका अश्लील टिप्पणी करने का कोई इरादा नहीं था।
खंडपीठ ने सरकारी वकील जे.पी.याग्निक से पुलिस को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
याग्निक ने कहा कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं करने का निर्देश दिया गया है. खंडपीठ ने याग्निक से फिर पूछा कि आप के निर्देश क्या हैं? क्या आप मामले को आगे बढ़ाना चाहते हैं या नहीं?" याग्निक ने पुलिस अधिकारी से पूछा कि उसे अपने वरिष्ठों से निर्देश लेने की जरूरत है। इस बीच पेडणेकर का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील अदालत में मौजूद नहीं था।
वर्ली के बीडीडी चॉल में एक दुर्घटना में एक बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मुद्दे पर शेलार ने 4 दिसंबर 2021 को एक संवाददाता सम्मेलन कर पेडणेकर की अनुपस्थिति के बारे में टिप्पणी की थी। शेलार का अपनी याचिका में दावा है कि मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में उनके दर्ज की गई एफआईआर राजनीति से प्रेरित है और असहमति की आवाज को दबाने के लिए अनुमान और गुप्त उद्देश्यों पर आधारित है।