रेजिडेंट डॉक्टरों के अल्टीमेटम के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया

  • 7 महीने से लटका आदेश 2 घंटे में लागू
  • 1432 सीटें बढ़ीं बांड सेवा के लिए
  • डॉक्टरों को मिली राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-11 15:38 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इस वर्ष पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त करने वाले डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर छाया संकट शुक्रवार को आखिरकार समाप्त हो गया है। यह संकट रेजिडेंट डॉक्टरों के उग्र रूप के कारण समाप्त हुआ है। बांड सेवा के लिए सीटें बढ़ाने का आदेश जनवरी में ही सरकार ने जारी किया था, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया गया था। इसे लेकर डॉक्टरों ने सरकार को तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया था। इस अल्टीमेटम के बाद 7 महीने से लटके आदेश को महज 2 घंटे में ही प्रशासन ने लागू कर दिया।

एक वर्ष के लिए सेवा देना अनिवार्य

सरकारी मेडिकल कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन एमडी या एमएस की परीक्षा पास करने के बाद डॉक्टरों को एक वर्ष के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पतालों में अपनी सेवा देना अनिवार्य है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) की ओर से पोस्ट ग्रेजुएशन पास करनेवाले डॉक्टरों को उनके गुणों के आधार पर अस्पताल और श्रेणी आवंटित की जाती है। बांड सेवा में इन डॉक्टरों को सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स, मेडिकल अफसर और ट्यूटर के रूप में भूमिका निभानी होती है। बिना बांड सेवा पूरा किए ये डॉक्टर कहीं प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की कमी की वजह से जुलाई में पोस्ट ग्रेजुएशन पास करने वाले डॉक्टरों को बांड सेवा के लिए नवंबर तक इंतजार करना पड़ रहा था।

चेतावनी के बाद सीटें बढ़ी

रेजिडेंट डॉक्टर की संगठन सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत हेलगे ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में करीब 1000 सीनियर रेजिडेंट की पोस्ट थीं, जिसे बढाने के लिए तत्कालीन सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले के नेतृत्व में डॉक्टरों ने आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद राज्य सरकार के आदेश के 7 महीने बीत जाने के बाद भी इसे लागू नहीं किया जा रहा था।

बैठक में लिया गया निर्णय

सेंट्रल मार्ड के पत्र के बाद राज्य के चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय कार्यालय में बैठक हुई। इस बैठक में निदेशक डॉ. अजय चंदनवाले, चिकित्सकीय शिक्षा आयुक्त राजीव निवटकर और मार्ड के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में डॉक्टरों के उग्र रूप को भांपते हुए प्रशासन ने 7 महीने स्व लटके आदेश को महज 2 घंटे के भीतर अमल में लाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी।

डॉ. अभिजीत हेलगे, मार्ड के अध्यक्ष के मुताबिक इसी साल जनवरी में राज्य सरकार ने 1432 सीटें बढ़ाने का आदेश जारी किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा था। शुक्रवार को सेंट्रल मार्ड ने चिकित्सकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ को पत्र लिखकर 15 अगस्त से पहले इस आदेश को अमल में लाने का समय दिया था।

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