ईडी आरोप पत्र: कोविड-19 का ठेका लेने बांटी सोने की छड़, बिस्कुट और सिक्का
- संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर पर आरोपों की झड़ी
- विशेष अदालत में दायर किया गया आरोप पत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई. कोविड-19 महामारी काल में जंबो कोविड सेंटर का ठेका प्राप्त करने के लिए हुए हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र में ईडी ने दावा किया है कि महामारी के दौरान दो जंबो कोविड-19 केंद्रों के संचालन में अनियमितताएं बरती गई थीं। इसको लेकर ठेकेदार कंपनियां जांच के दायरे में हैं, आरोप है कि इन कंपनियों के भागीदारों ने बीएमसी अधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों के बीच 60 लाख रुपये मूल्य से अधिक की सोने की छड़ें, सोने के बिस्कुट और सिक्के वितरित किए थे।
ठेकेदार कंपनी के संचालकों की जांच
ईडी ने यह भी दावा किया है कि दहिसर जंबो कोविड-19 केंद्र में कर्मचारियों की संख्या लगभग 50 प्रतिशत कम थी, जिससे महामारी के दौरान मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ गया था। जिस कंपनी को 2020 में दहिसर और वर्ली जंबो कोविड केंद्रों में चिकित्सा सेवाओं की आपूर्ति का ठेका दिया गया था, उसके चार साझेदार सुजीत पाटकर (शिवसेना सांसद संजय राउत के कथित सहयोगी), हेमंत गुप्ता, संजय शाह, राजीव सालुंखे व उसके कर्मचारी अरविंद सिंह और दहिसर केंद्र के डीन डॉ. किशोर बिसुरे थे। जिनकी जांच जारी है।
ऐसे हुई रिश्वत की लेनदेन
ईडी ने आरोप लगाया है कि जिन पैसों को रिश्वत के रूप में दिया जाना था, उससे लाइफलाइन कंपनी के भागीदार संजय शाह ने सोने की छड़, बिस्कुट और सिक्का खरीदा। इसे उसने अपने दूसरे भागीदार सुजीत पाटकर को दिया, जिसे बीएमसी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के बीच वितरित किया गया था। हालांकि पाटकर ने जांच के दौरान किसी भी तरह की अनियमितता होने से इनकार किया है। एजेंसी का आरोप यह भी है कि जुलाई 2020 और फरवरी 2022 के बीच, दो कोविड केंद्रों के कामकाज में अनियमितताओं के कारण आरोपियों ने गलत तरीके से 32.44 करोड़ रुपये की आय अर्जित की थी।