अगले शैक्षणिक सत्र से नीटी में आईआईएम के पहले बैच के होंगे दाखिले
- मौजूदा विद्यार्थियों को भी आईआईएम की डिग्री
- संसद की मंजूरी के बाद संस्थान ने शुरू की तैयारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान (नीटी) शैक्षणिक सत्र 2024-26 के दौरान भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के तौर पर छात्रों का दाखिला करेगा। संस्थान आईआईएम के मुताबिक पाठ्यक्रम शुरू करेगा लेकिन पहले से जो लोकप्रिय पाठ्यक्रम हैं, उन्हें भी जारी रखा जाएगा। नीटी शासी मंडल के अध्यक्ष और आलकार्गो ग्रुप के अध्यक्ष शशि किरण शेट्टी ने यह बात कही। मौजूदा सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद नीटी के देश का 21वां आईआईएम बनने का रास्ता साफ हो गया है।
शेट्टी ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ दिनों में इससे जुड़ी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी। शेट्टी ने कहा कि 20 वर्षों से यह कोशिश हो रही थी और मेरा सौभाग्य है कि यह मेरे कार्यकाल के दौरान हुआ। अब हमारी कोशिश होगी कि इस संस्थान को देश ही नहीं दुनिया के सबसे अच्छे प्रबंध संस्थानों में शामिल कराया जाए। आईआईएम का दर्जा मिलने के बाद संस्थान को ज्यादा स्वायत्तता मिलेगी। हमारी कोशिश होगी की पूर्व विद्यार्थियों और उद्योगपतियों की मदद से संस्थान की बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएं और मौजूदा 1200 सौ विद्यार्थियों की क्षमता को बढ़ाकर दो गुना किया जाए।
डिग्री को लेकर भ्रम होगा दूर
नीटी के निदेशक प्रोफेसर मनोज तिवारी ने कहा कि संस्थान की डिग्री की मान्यता को लेकर अब तक नियमित तौर पर विदेशों से सवाल आते थे। लोग ईमेल करके पूछते थे कि डिग्री को किस डिग्री के समकक्ष माना जाए। अब यह परेशानी दूर हो जाएगी। संस्थान इसी सत्र से विद्यार्थियों को आईआईएम की डिग्री देना शुरू कर देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि साल 1963 में स्थापना के बाद से ही नीटी देश के बेहरतीन प्रबंधन संस्थानों में शामिल रहा है। नीटी को नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2023 में प्रबंधन श्रेणी में सातवां स्थान प्राप्त हुआ। नीटी परिचालन प्रबंधन, विश्लेषिकी, वित्त, विपणन, परियोजना प्रबंधन, मानव संसाधन, सूचना प्रौद्योगिकी और स्थिरता प्रबंधन जैसे विविध कार्यात्मक क्षेत्रों में कुशल पेशेवर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।