फडणवीस मस्टर मंत्री नहीं बल्कि मास्टर ब्लास्टर हैं- मुख्यमंत्री
- उपमुख्यमंत्री देवेंद्र को मस्टर मंत्री कहने पर बवाल
- उद्धव ठाकरे ने की टिप्पणी
- मुख्यमंत्री और भाजपा का पलटवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मस्टर मंत्री कहने वाले बयान पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जोरदार पलटवार किया है। जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि फडणवीस के मास्टर स्ट्रोक के कारण ही उद्धव को घर बैठना पड़ा है। सोमवार को पुणे के जेजुरी में आयोजित शासन आपला दारी कार्यक्रम में उद्धव का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने फडणवीस को मस्टर मंत्री कहा है। लेकिन फडणवीस मास्टर ब्लास्टर हैं। वे चौके और छक्के मारते हैं और विकेट भी लेते हैं। फडणवीस कब विकेट लेंगे आपको पता भी नहीं चलेगा। पुणे के कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी मौजूद थे। यहां पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (उद्धव) ने हमें भाजपा से गठबंधन करने के कारण आयाराम कहा है। लेकिन जिसने शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ दिया है उन्हें क्या गयाराम कहा जाए। इससे पहले रविवार को उद्धव ने मुंबई के एक सम्मेलन में कहा था कि मुझे उपमुख्यमंत्री फडणवीस पर दया आती है। उद्धव ने कहा था कि आखिर फडणवीस कितने लोगों का बोझ अपने कंधों पर ढोएंगे। भाजपा राज्य में पांच- पांच उपमुख्यमंत्री बनाएगी क्या? फिर तो फडणवीस का काम मस्टर पर दूसरे दलों से आए नेताओं की जानकारी लिखने भर का रह जाएगा।
फडणवीस के मास्टर स्ट्रोक के कारण उद्धव घर बैठे हैं- बावनकुले
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बावनकुले ने कहा कि फडणवीस मस्टर मंत्री नहीं बल्कि मास्टर हैं। फडणवीस के मास्टर स्ट्रोक के कारण उद्धव को घर बैठना पड़ा है। बावनकुले ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने की उद्धव की औकात नहीं है। उद्धव अपने पिता द्वारा स्थापित पार्टी को नहीं बचा पाए वो अब कह रहे हैं कि भाजपा में राम नहीं बचे हैं। लेकिन उद्धव ने सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौता किया। अब उन्हें प्रभू श्रीराम की याद आ रही है। जबकि मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा कि उद्धव महाविकास आघाड़ी सरकार में नॉन परफॉर्मिंग मुख्यमंत्री थे। ऐसे में उन्हें परफॉर्मिंग उपमुख्यमंत्री फडणवीस कैसे समझ में आएंगे। उद्धव मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी से से ऊपर कभी उठ नहीं पाए थे।