Mumbai News: लोकसभा चुनाव में कम सफलता मिलने पर महाआघाडी में उद्धव पर है सबसे ज्यादा दबाव
- शिवसेना (उद्धव) के विधायक भास्कर जाधव का दावा
- महाआघाडी में उद्धव पर है सबसे ज्यादा दबाव
Mumbai News : इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव) को ज्यादा सीटों पर सफलता हासिल नहीं हो पाई थी। जिसके बाद अब राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे बैकफुट पर दिखाई दे रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) विधायक भास्कर जाधव ने रविवार को दावा किया कि विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे में आघाडी में सबसे ज्यादा दबाव उद्धव ठाकरे पर है। जाधव ने कहा कि मैं जिम्मेदारी के साथ बयान दे रहा हूं कि मुझे ऐसा लगता है कि ठाकरे दबाव में आ गए हैं पर उन्हें दबाव में आने की जरूरत नहीं है। जाधव के बयान पर पलटवार करते हुए शिवसेना (शिंदे) प्रवक्ता कृष्णा हेगडे ने कहा कि लोकसभा के नतीजों के बाद महाआघाडी में ठाकरे पर कांग्रेस और शरद गुट हावी हो गए हैं, जिसकी वजह से ठाकरे दबाव महसूस कर रहे हैं।
जाधव ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में जब लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो रही थी तो उस समय कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं थी। क्योंकि उनके एकमात्र सांसद सुरेश धानोरकर का निधन हो गया था, जबकि शरद पवार के पास चार सांसद थे, जिसमें से एक ने उनका साथ छोड़कर अजित पवार का दामन थाम लिया था। जाधव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद हमारी पार्टी की कम सीटें आईं, लेकिन स्ट्राइक रेट के मामले में शरद गुट हमसे आगे निकल गया। यहां तक कि कांग्रेस ने भी एक से 13 सीटों का सफर तय कर लिया। इन परिणामों के बाद अब विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के दौरान ठाकरे दबाव में आ गए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि ठाकरे को दबाव में आने की जरूरत नहीं है। आज पूरा महाराष्ट्र जानता है कि ठाकरे की वजह से महाविकास आघाडी को लोकसभा चुनाव में 31 सीटें मिली। जाधव ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में महाआघाडी में सबसे बड़ी पार्टी हमारी थी, इसलिए सीटों के बंटवारे में पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
भास्कर जाधव के बयान पर शिवसेना (शिंदे) प्रवक्ता कृष्णा हेगडे ने कहा कि उद्धव ठाकरे को समझ में आ गया है कि जिस तरह से पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन हमारी पार्टी से भी खराब था। ऐसे में ठाकरे अब आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शरद गुट के साथ चर्चा करने की स्थिति में नहीं हैं। हेगड़े ने कहा कि कांग्रेस और शरद पवार ने ठाकरे की मनमानी लोकसभा चुनाव में देखी थी। यहां तक कि उन्होंने अपने दोनों सहयोगी दलों से बगैर सलाह मशविरा किए ही उम्मीदवार उतार दिए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और शरद गुट के नेताओं ने ठीक ढंग से ठाकरे पर दबाव बनाया तो फिर महाआघाडी में उद्धव को सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ सकता है।
सीट बंटवारे पर आघाडी की बैठक
महाविकास आघाडी के तीनों दलों की सीटों के बंटवारे को लेकर बैठक सोमवार को होगी। इस बैठक में उन सीटों पर चर्चा होगी जिन पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और उद्धव गुट में मुंबई की 6 सीटों को लेकर अभी भी गतिरोध बना हुआ है। जिन पर अभी तक दोनों ही दलों में सहमति नहीं बन पाई है उनमें भायखला, कुर्ला, घाटकोपर (पश्चिम), वर्सोवा, जोगेश्वरी (पूर्व) और माहिम की सीटें शामिल हैं। दोनों ही पार्टियों ने इन सीटों पर अपना-अपना दावा ठोका है। जबकि राकांपा (शरद) ने भी कुर्ला, वर्सोवा और घाटकोपर (पश्चिम) की सीटों की मांग की है। ऐसे में महाआघाडी के तीनों ही दलों में इन 6 सीटों को लेकर आगे भी टकराव देखने को मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि उद्धव गुट मुंबई में 20-22 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है, जबकि कांग्रेस 13 से 14 सीटों पर चुनाव मैदान में उतर सकती है। जबकि शरद गुट को दो सीटें मिल सकती हैं। हालांकि महाविकास आघाडी के तीनों ही दल मुलुंड, विले पार्ले, बोरीवली, चारकोप और मालाबार हिल की सीटों पर दावा नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इन सभी पांच सीटों पर भाजपा मजबूत स्थिति में है। यही कारण है कि आघाडी के सभी दल इन सीटों को लेकर कन्नी काट रहे हैं