पावरफुल जोड़ी: राकांपा में जारी है चाचा-भतीजे की जोड़ी का वर्चस्व
- पवार चाचा-भतीजे के बाद अब भुजबल चाचा-भतीजे मैदान में
- परिवारवाद को लेकर भाजपा के दल अपने गिरेबान में झांके-पटोले
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य की राजनीति में परिवारवाद को लेकर आरोप लगते रहे हैं। राकांपा में शरद पवार और अजित पवार चाचा-भतीजे की पावरफुल जोड़ी हमेशा चर्चा में रहती थी। राकांपा (अजित) गुट में छगन भुजबल के मंत्री बनने के बाद अब उनके भतीजे समीर भुजबल को राकांपा की मुंबई इकाई का अध्यक्ष बनाया है। ऐसे में शरद और अजित की जोड़ी के बाद राज्य की राजनीति में अब छगन भुजबल और समीर भुजबल (चाचा-भतीजे) की जोड़ी की चर्चा हो रही है। समीर की नियुक्ति के बाद से अब उन पर परिवारवाद के भी तंज कसे जा रहे हैं।
गुरुवार को राकांपा (अजित) ने छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल को मुंबई राकांपा का अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया। राकांपा में टूट से पहले विधायक और पूर्व मंत्री नवाब मलिक मुंबई राकांपा के अध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन टूट के बाद अजित गुट ने मुंबई कार्याध्यक्ष के पद पर नरेंद्र राणे की नियुक्ति की थी। शुरुआत में अजित गुट ने परिवारवाद से दूर रहने की कोशिश की थी लेकिन समीर भुजबल की मुंबई राकांपा अध्यक्ष पद पर हुई नियुक्ति के बाद स्पष्ट हो गया कि राकांपा में परिवारवाद की पहले से चली आ रही प्रथा अब भी जारी रहेगी।
परिवारवाद को लेकर भाजपा के दल अपने गिरेबान में झांके- पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने अजित गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास मुंबई में कोई नेता नहीं है। यही कारण है कि उन्होंने नाशिक में रहने वाले समीर भुजबल को मुंबई का अध्यक्ष बनाया है। पटोले ने कहा कि महाविकास आघाडी में अच्छा तालमेल चल रहा है और बहुत जल्द आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर हमेशा परिवारवाद का आरोप लगता आया है लेकिन अब भाजपा के दलों को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है।