टाइम-टेबल: लंबा खिंच सकता है शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला
- विधान सभा अध्यक्ष ने जारी किया टाइम-टेबल
- शीतकालीन सत्र से भी फैसले में देरी के आसार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के बागी 16 विधायकों के अयोग्यता मामले की सुनवाई के लिए टाइम-टेबल तय कर दिया है। इसके अनुसार इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर तक चलेगी। फिर विधानसभा अध्यक्ष 2 सप्ताह में अंतिम फैसला घोषित करने के लिए तारीख निश्चित करेंगे। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा। इससे विधायकों की अयोग्यता का मामला लंबा खिंचने का आसार दिख रहा है।
सुनवाई का टाइम-टेबल
विधानमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार शिवसेना (उद्धव) की ओर से 23 सितंबर को दाखिल अतिरिक्त हलफनामे पर शिवसेना (शिंदे) के वकील 6 अक्टूबर को जवाब दाखिल करेंगे। अयोग्यता मामले की सभी याचिकाओं पर एकत्रित सुनवाई हो अथवा नहीं, इस बारे में शिवसेना के दोनों गुट 13 अक्टूबर को जिरह करेंगे। अयोग्यता से जुड़े मामले में विधानमंडल सचिवालय में दाखिल दस्तावेजों को 13 से 20 अक्टूबर के बीच कोई भी व्यक्ति देख सकता है। अयोग्यता की याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई होगी अथवा नहीं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष 20 अक्टूबर को फैसला लेंगे। अयोग्यता की याचिकाओं पर सुनवाई किन बिंदुओं पर होगी, यह दोनों पक्षों को 6 नवंबर को लिखित देना पड़ेगा। गवाहों की सूची और हलफनामा 20 नवंबर को दाखिल किया जाएगा। 23 नवंबर से क्रॉस एग्जामिनेशन शुरू होगा। क्रॉस एग्जामिनेशन पूरा होने के दो सप्ताह बाद फैसले की तारीख घोषित की जाएगी।
कोर्ट का विधान सभा अध्यक्ष को आदेश
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को सुनवाई के लिए टाइम टेबल तय करने के निर्देश दिए हैं। शिवसेना (शिंदे) और शिवसेना (उद्धव) की ओर से अयोग्यता की याचिका दाखिल की गई है। विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष इन याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है।
अनिल परब, शिवसेना (उद्धव) विधायक के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तय किया गया टाइम-टेबल केवल आंखों में धूल झोंकने जैसा है। 23 नवंबर तक केवल सुनवाई चलेगी। अयोग्यता मामले को अप्रैल-मार्च महीने तक खींचने की कोशिश है। लेकिन हम चाहते हैं कि सभी याचिकाओं को एकत्रित करके एक महीने के भीतर सुनवाई पूरी हो। याचिकाओं पर क्रॉस एग्जामिनेशन करने की जरूरत नहीं है। हम लोग टाइब टेबल का विरोध सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई के दौरान करेंगे।
राहुल नार्वेकर, विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अयोग्यता की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए टाइम-टेबल तय करके दोनों पक्षकारों को दे दिया गया है। इन याचिकाओं पर फैसला लेने में कोई देरी नहीं की जाएगी और न ही जल्दबाजी करेंगे।