जारी है लुकआउट नोटिस: वांटेड वकील नीलिमा चव्हाण को महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य से हटाने की मांग

  • वकालत की पढ़ाई करने वाली छात्रा ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
  • चव्हाण पर पूर्व नगरसेवक सुधीर मोरे को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-25 11:43 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट के महाराष्ट्र के राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य और वकील नीलिमा चव्हाण की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद से ही वह फरार है। पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इस बीच वकालत की पढ़ाई करने वाली छात्रा रसीका साटोने ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैने को पत्र लिख कर नीलिमा चव्हाण को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य से हटाने की मांग की है। उन पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के पूर्व नगरसेवक सुधीर मोरे को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था।

पिछले दिनों न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकल पीठ नीलिमा चव्हाण की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत मोरे और चव्हाण की चैट और फोन रिकॉर्डिंग पर गौर किया। प्राप्त सामग्री कुछ ऐसा है, जिसकी जांच करने की जरूरत है। छात्रा साटोने का मुख्यमंत्री शिंदे को लिखे पत्र में कहना है कि जिस नीलिमा चव्हाण पर पूर्व नगरसेवक मोरे को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है और जो वारदात के बाद से ही फरार है, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य जैसे महत्वपूर्ण पद से बिना देरी किए हटा दिया जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ही नहीं बल्कि सेशन कोर्ट ने भी 16 सितंबर को 53 वर्षीय चव्हाण अग्रिम जमानत अर्जी रद्द कर दी थी। 62 वर्षीय सुधीर मोरे ने 1 सितंबर को घाटकोपर रेलवे स्टेशन के पास लोकल ट्रेन के आगे छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली थी। उनके बेटे द्वारा दायर शिकायत के आधार पर कुर्ला रेलवे पुलिस स्टेशन में आरोपी वकील नीलिमा चव्हाण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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