गणपति उत्सव समेत त्योहारों के दौरान पंडाल लगा सड़कों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ अदालत सख्त

  • अदालत ने बीएमसी को कड़ी कार्रवाई का दिया निर्देश
  • लालबागचा राजा उत्सव मंडल के हर साल बीएमसी के शर्तों के उल्लंघन का आरोप
  • जनहित याचिका पर सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-02 15:31 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को गणपति उत्सव समेत त्यौहारों के दौरान पंडाल लगाकर सड़कों और फुटपाथों को नुकसान पहुंचाने वालों मंडलों के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्हें दूसरे साल उत्सव में मंडप लगाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। अदालत ने बीएमसी को निर्देश देने के साथ ही जनहित याचिका को समाप्त कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को प्रमेय वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से वकील रुमाना बगदादी और वकील सुमेधा राव की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि गणपति उत्सव समेत त्यौहारों के दौरान पंडाल लगाकर सड़कों और फुटपाथों को नुकसान पहुंचा कर मंडल बीएमसी के शर्तों का उल्लंघन करते हैं। उनकी राय में यदि उन पर गंभीर प्रतिबंध लगाया गया है, तो यह प्रभावी होगा और फिर पंडाल बनाने वालों को शर्तों का पालन करना होगा। तभी कोई नुकसान नहीं होगा।

जनहित याचिका में बीएमसी को उन पंडालों और मंडपों को अनुमति न देने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिन्होंने पिछले वर्ष लगाए गए नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता की वकील सुमेधा राव ने कहा कि लालबाग के राजा गणपति उत्सव मंडल पर साल बीएमसी की शर्तों का उल्लंघन करता है। बीएमसी उस पर केवल आर्थिक दंड लगाती है और दूसरे साल भी उसे अनुमति देती है। पंडाल से सड़कों और फुटपाथों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे वे अनुपयोगी हो जाते हैं। बीएमसी की मौजूदा नीति के अनुसार यदि कोई आयोजक नियमों और शर्तों का उल्लंघन करता है, तो जमा राशि जब्त कर ली जाती है और उनकी अनुमति वापस ले ली जाती है।

खंडपीठ ने कहा कि बीएमसी को और अधिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। यह सामान्य ज्ञान है कि जो लोग त्योहारों के दौरान पंडाल बनाने की अनुमति मांगते हैं। उन्हें फुटपाथ और सड़कों को उसी स्थिति में छोड़ना चाहिए और कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, जिससे पैदल चलने वालों और सड़क के अन्य उपयोगकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशानी हो। अदालत ने कहा कि अगर प्रतिबंध के शर्तों को बीएमसी की नीति में शामिल किया जाता है, तो यह अधिक प्रभावी होगा और फिर आयोजक शर्तों का पालन करेंगे।

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