बॉम्बे हाईकोर्ट: मनोज जरांगे-पाटिल के मराठा आंदोलन के खिलाफ जनहित याचिका सुनने से अदालत का इनकार
- 20 जनवरी से मुंबई में भूख हड़ताल होगी शुरु
- जरांगे-पाटिल ने कर दिया है ऐलान
- जनहित याचिका सुनने से अदालत का इनकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे-पाटिल के मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुनने से इनकार कर दिया। जरांगे-पाटिल ने 20 जनवरी से सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए मुंबई में अनिश्ति कालीन भूख हड़ताल का ऐलान किया है। अदालत ने कहा कि हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं बैठे हैं.
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल की जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका में दावा किया गया था कि 20 जनवरी को ढाई लाख कार्यकर्ताओं के साथ मनोज जरांगे-पाटिल मुंबई में प्रवेश करेंगे, तो मुंबई में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। उन्होंने मराठा और ओबीसी श्रेणियों के बीच वैमनस्य पैदा किया है।
इसलिए उनके खिलाफ शांति भंग करने और अराजकता फैलाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. पाटिल ने यह भी आरोप लगाया है कि जरांगे-पाटिल ने मराठा और ओबीसी श्रेणियों के बीच अंतर पैदा किया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं बैठे हैं। हमें और भी कई महत्वपूर्ण काम हैं।