अदालत ने बीएमसी से पूछा-वायकर को होटल की अनुमति क्यों दी गई- फैसला सुरक्षित
- बीएमसी से पूछा
- वायकर को होटल की अनुमति क्यों दी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना (यूबीटी) विधायक रवींद्र वायकर को होटल की अनुमति रद्द करने के बीएमसी के आदेश के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। वायकर ने अपनी याचिका में बीएमसी के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उनके होटल के निर्माण को रोक दिया गया है। अदालत ने मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) से पूछा कि सबसे पहले होटल को अनुमति क्यों दी गई। यदि वायकर ने वास्तव में तथ्य छिपाए थे, तो निरीक्षण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
न्यायमूर्ति एस.बी.शुक्रे और आर.एस.पाटिल के समक्ष सोमवार को रवींद्र वायकर की ओर से वकील एस्पी चिनॉय और वकील जोएल कार्लोस की याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान भाजपा नेता किरीट सोमैया के हस्तक्षेप आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया। सोमैया ने वायकर के खिलाफ इस मामले के शिकायत की थी, जिस पर बीएमसी ने कार्रवाई करते हुए वायकर के होटल के निर्माण पर रोक लगाया है। वायकर ने दावा किया कि सोमैया की शिकायत मुद्दे का राजनीतिकरण करने के इरादे से की गई थी।
वायकर के वकील चिनॉय ने कहा कि वायकर की कंपनी को दी गई विभिन्न अनुमति को कैसे अचानक रद्द कर दिया गया? बीएमसी की ओर से पेश वकील मिलिंद साठे ने दलील दी कि वायकर ने अनुमति के दस्तावेज ऑनलाइन दाखिल करते समय कुछ तथ्य छिपाए थे, जिसके कारण कार्रवाई की गई। खंडपीठ ने बीएमसी से सवाल करते हुए पूछा कि पहले अनुमति क्यों दी गई थी? यदि वायकर ने वास्तव में तथ्य छिपाए थे, तो निरीक्षण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
साल 2021 में जब वायकर की पार्टी महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा थी, तब बीएमसी ने उन्हें जोगेश्वरी (पूर्व) में एक भूखंड पर होटल बनाने की अनुमति दी थी। वायकर ने 2004 में महल पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड (कमल अमरोही स्टूडियो) से 2 एकड़ का प्लॉट खरीदा था और जमीन के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों और बीएमसी के बीच एक समझौता हुआ था।
इस साल 8 फरवरी बीएमसी को वायकर के खिलाफ मिली शिकायत को लेकर बीएमसी ने उनसे जवाब मांगा। उन्होंने बीएमसी को जवाब दिया। 15 जून को बीएमसी से वायकर को जनवरी 2021 में दी गई विकास अनुमतियों को रद्द करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ वायकर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।