बांबे हाईकोर्ट: औरंगाबाद-उस्मानाबाद के नामांतरण को हाईकोर्ट में चुनौती
- दो जिलों का छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव नामकरण
- नई याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश के औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलने का मामला फिर एक बार बांबे हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस बार एक वकील ने याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ करेगी। यह याचिका इन दो राजस्व क्षेत्रों के नाम बदलने की अधिसूचना जारी होने के बाद दायर की गई है। सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार ने आते ही औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करने का निर्णय किया था। इस संदर्भ में पहली ही कैबिनेट बैठक में फैसला ले लिया गया था। सरकार के इस निर्णय को विभिन्न लोगों ने हाईकार्ट में चुनौती दी थी। बांबे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि, सरकार ने दोनों जिलों के नामांतरण को लेकर जन आपत्तियां आमंत्रित की हैं। इसके बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। हाईकोर्ट ने तब कहा था कि अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद ही इस विषय पर याचिकाएं दायर की जा सकती हैं।
अधिसूचना जारी होते ही याचिका दायर
15 सितंबर को राज्य सरकार की ओर से औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नामांतरण को लेकर अंतिम अधिसूचना जारी की गई थी। जिसके बाद बांबे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायाधीश आरिफ एस डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की गई है। यह याचिका सोमवार को वकील एस.एस काजी ने दायर की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की है। जबकि नामांतरण को लेकर दायर एक अन्य याचिका पर 4 अक्टूबर को सुनवाई होनी है।