बॉम्बे हाईकोर्ट: फटकार के बाद हरकत में आई केंद्र सरकार, महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) में रिक्त पदों को भरने का मामला

  • सरकार ने की मैट के 4 रिक्त पदों पर नियुक्ति
  • महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) में रिक्त पदों को भरने का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-02 14:07 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट की फटकार के बाद महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (मैट) में रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने मैट के 4 रिक्त पदों पर नियुक्ति की है। पिछले दिनों अदालत ने सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि वह निश्चित समय बताएं कि वह मैट के महत्वपूर्ण रिक्त पदों को कब तक भरेगी?

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ एस.डॉक्टर की खंडपीठ ने 2 अगस्त को सामाजिक कार्यकर्ता योगेश प्रकाश मोरबले की ओर से वरिष्ठ वकील उदय वारुंजीकर,वकील यशोदीप देशमुख,वकील विनोद सांगवीकर और वैदेही देशमुख की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को मैट में रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया था। जनहित याचिका में मैट में रिक्त पदों को भरने, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, ऑनलाइन फाइलिंग एवं सुनवाई की व्यवस्था करने की मांग की गयी थी। इसको लेकर मुंबई,औरंगाबाद और नागपुर में कई जनहित याचिकाएं दाखिल की गई थी। पिछले दिनों सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ बॉम्बे हाई कोर्ट के मुंबई खंडपीठ में हुई थी। इस दौरान मैट की ओर से पेश हुए एम.एम.पाबले ने कहा था कि मैट के रिक्त पदों की नियुक्ति के लिए स्क्रूटनी की जा रही है। तीन से चार महीने का समय लगेगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय ने कहा कि स्क्रूटनी के लिए इतना समय लगता क्या है? हम इतना समय नहीं दे सकते हैं। केंद्र सरकार ने मुंबई, नागपुर और संभाजी नगर खंडपीठ में रिक्त चार पदों को भरा है। मैट के रिक्त पदों पर मुंबई खंडपीठ में पूर्व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह बिष्ट (न्यायिक सदस्य), नागपुर खंडपीठ में राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक संजय कुमार (प्रशासनिक सदस्य), संभाजी नगर खंडपीठ में पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विनय कारगावकर (प्रशासकीय सदस्य) और हाई कोर्ट पूर्व न्यायमूर्ति विजय जाधव (न्यायिक सदस्य) के रूप में चार साल के लिए नियुक्ति की गयी है।

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