ठंडे बस्ते में कमाठीपुरा के 8 हजार लोगों के पुनर्वसन का मामला
- फडणवीस ने कहा जरुरत पड़ी तो म्हाडा से कराएंगे पुनर्विकास
- ठंडे बस्ते में मामला
- कमाठीपुरा के 8 हजार लोगों का पुनर्वसन
डिजिटल डेस्क, मुंबई. कमाठीपुरा में रहने वाले करीब 8 हजार लोगों के क्लस्टर पुनर्विकास को राज्य सरकार से ढाई साल पहले ही मंजूरी मिल गई थी लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई। कांग्रेस विधायक अमीन पटेल इस परियोजना के पुनर्विकास के लिए कई बार विधानसभा में इस मुद्दे को उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिली है। अमीन पटेल का कहना है कि इस बार उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा दिया है कि अगर इस परियोजना के पुनर्विकास के लिए निजी बिल्डर सामने नहीं आते हैं तो फिर इसका पुनर्विकास म्हाडा के जरिए कराया जाएगा।
दरअसल कमाठीपुरा का पुनर्विकास पिछली सरकारों के एजेंडे में भी था लेकिन महाविकास आघाडी सरकार ने 32 एकड़ में फैले इस क्षेत्र का खाका तैयार कर इलाके के पुनर्विकास की तरफ कदम बढ़ाए थे। इसी बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया। जिसके चलते इस क्षेत्र के पुनर्विकास की फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। विधानसभा के बीते मानसून सत्र में भी कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने ये मुद्दा उठाया था जिस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द कमाठीपुरा का पुनर्विकास शुरु करेगी।
पिछली सरकार में हुआ था तेजी से कार्य- अमीन पटेल
अमीन पटेल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि इस इलाके की कुछ इमारतें रहने लायक नहीं है लेकिन फिर भी लोग वहां पर रहने को मजबूर हैं। पटेल ने कहा कि उन्होंने सरकार से म्हाडा को नोडल एजेंसी बनाने की मांग की है ताकि मकान मालिक और किराएदारों के हितों में टकराव न हो। पटेल ने कहा कि इस क्षेत्र में रहने वाले सभी किराएदारों को 500 स्क्वायर फीट का घर देने का ऐलान सरकार कर चुकी है। इसके अलावा 50 मी की इमारत के मालिक को भी 500 स्क्वायर फीट का घर देने का वादा किया गया है। अमीन पटेल ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार में तत्कालीन ग्रह निर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड ने क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए तेजी से कार्य करने की दिशा में कदम बढ़ाए थे लेकिन मौजूदा सरकार में पुनर्विकास की फाइल ही रुक गई है।
रेड लाइट एरिया के जरिए है कमाठीपुरा की पहचान
ग्रह निर्माण मंत्री अतुल सावे ने कहा कि कमाठीपुरा के पुनर्विकास के लिए इसी साल फरवरी में अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। जिसमें जरुरी इजाजतें पूरी होते ही क्षेत्र में जल्द ही विकासक की नियुक्ति कर निर्माण कार्य शुरू कराया जा सकता है। सावे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि अगर कमाठीपुरा के पुनर्विकास के लिए निजी बिल्डर सामने नहीं आता है तो फिर इस पूरे क्षेत्र का पुनर्विकास म्हाडा करेगी। गौरतलब है कि कमाठीपुरा एक समय मुंबई का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया माना जाता था। जहां पर हजारों की संख्या में सेक्स वर्कर देह व्यापार करती थीं।