बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका में एमएमआर क्षेत्र के 6 महानगरपालिका के आयुक्तों को किया तलब
- महानगरपालिका के आयुक्त तलब
- अवमानना याचिका में एमएमआर क्षेत्र के 6 आयुक्त
- पूछा-क्या गड्ढे भरने के लिए पांच साल पर्याप्त नहीं हैं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को सड़कों की खराब हालत और खुले मेनहोल पर स्पष्टीकरण देने के लिए मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (एमएमआर) के 6 महानगरपालिका आयुक्तों को तलब किया है। उसमें मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी), कल्याण डोंबिवली, मीरा भयंदर, वसई विरार, नवी मुंबई और ठाणे शामिल हैं। अदालत ने एमएमआरडीए के सचिव को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को अदालत सड़कों की खराब हालत और खुले मेनहोल को लेकर वकील रूजू ठक्कर की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने इस मुद्दे पर अदालत के स्पष्ट आदेश के पांच साल बाद भी लगातार दुर्घटनाओं के बारे में जानकर नाराज हो गई। अदालत को वसई-विरार में गड्ढों पर एक समाचार रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद खंडपीठ ने महानगरपालिकाओं के वकील से कहा कि क्या पांच साल गड्ढों को हटाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं? आप स्पष्ट रूप से अवमानना कर रहे हैं। आप के महानगरपालिका आयुक्त को उपस्थित होना चाहिए। क्या मानसून के दौरान यह एक नियमित सुविधा है? उन्होंने कहा कि हम अब 2023 में हैं, पांच साल पहले 2018 में फैसला सुनाया गया था। विधायिका द्वारा आप को एक कर्तव्य दिया गया है।
अदालत ने कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के अंतर्गत 32 वर्षीय बाइक सवार की मौत की जांच का भी आदेश दिया, जो कथित तौर पर खुद को गड्ढे से बचाने की कोशिश करते समय डंपर से कुचल गया था। कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका के वकील के गड्ढे के कारण ऐसा होने से इनकार करने के बाद जांच का आदेश दिया गया है। दो वकीलों की समिति को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट अदालत को सौंपना है। अदालत ने कहा कि अवमानना याचिका सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं, कभी-कभी मौत का कारण बनने के बारे में गंभीर चिंता पैदा करती है।