बॉम्बे हाईकोर्ट ने महिला को मुंबई से तड़ीपार की पुलिस कार्रवाई पर लगाई रोक

  • तड़ीपार की पुलिस कार्रवाई पर रोक
  • अदालत ने पुलिस उपायुक्त के आदेश को किया रद्द
  • पुलिस ने महिला पर कई आपराधिक मामले दर्ज होने का दिया था हवाला

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-07 12:38 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने माटुंगा निवासी 52 वर्षीय अनुराधा बालकृष्ण साल्वे की 15 महीने के लिए मुंबई से तड़ीपार की कार्रवाई पर रोक लगा दिया है। अदालत ने पाया कि महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 56(1)(ए)(बी) का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है। इसलिए अदालत ने साल्वे पर तड़ीपारी के आदेश को रद्द कर दिया। इसके साथ ही याचिका को समाप्त कर दिया।

न्यायमूर्ति सारंग वी.कोतवाल की एकलपीठ के समक्ष अनुराधा साल्वे की ओर से वकील गणेश गुप्ता और वकील साहिल घोरपड़े की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील गणेश गुप्ता ने दलील दी कि पुलिस ने याचिकाकर्ता को पिछले साल 11 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनसे पूछा गया था कि उसे दो वर्ष की अवधि के लिए मुंबई से क्यों न निष्कासित कर दिया जाए? याचिकाकर्ता ने इस नोटिस को परिमंडल-4 के पुलिस उपायुक्त की ओर से साल्वे को तड़ीपार का नोटिस महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 56(1) (ए) और (बी) के तहत भेजा गया था। उसमें शाहुनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज चार आपराधिक मामलों का हवाला दिया गया था.

पुलिस ने याचिकाकर्ता पर ताड़ीपारी की नोटिस में कहा कि उससे इलाके में दहशत है। यह नहीं कहा कि उसकी इलाके में इतनी दहशत है कि कोई गवाही देने के लिए आगे नहीं आ रहा है। खंडपीठ ने पाया कि साल्वे को तड़ीपारी की कार्रवाई में महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 56(1)(ए)(बी) का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है। अदालत ने पुलिस की तड़ीपारी के आदेश को रद्द कर दिया।

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