बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा: देशभक्त होने का मतलब पड़ोसी देश से शत्रुता पूर्ण व्यवहार करना नहीं
पाकिस्तानी कलाकारों पर देश में आने पर प्रतिबंध लगाने की याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि देशभक्त होने का मतलब पड़ोसी देश से शत्रुता पूर्ण व्यवहार करना नहीं है। भारत सरकार के सकारात्मक रुख के चलते पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत में चल रहे क्रिकेट विश्वकप में शामिल हो पाई है। अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में बुलाने और यहां उन्हें नौकरी पर रखने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी। न्यायमूर्ति सुनील बी. शुक्रे और न्यायमूर्ति फिरदोश पी.पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को फैज अनवर कुरैशी की ओर से वकील विभव कृष्णा, वकील अनमोल बी.और ताहिर पी.की दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
खंडपीठ ने कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों, संगीतकारों के साथ मिलकर काम करने वाले व्यक्ति, गीतकार, गायक, तकनीशियन और सिनेकर्मी नहीं होंगे, तो इसे न्यायिक आदेश का सहारा लेकर लागू नहीं किया जा सकता है। विश्व क्रिकेट कप में भारत में आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम हिस्सा ले रही है। सरकार द्वारा उठाए गए सराहनीय सकारात्मक कदमों के कारण ही ऐसा हुआ है। सरकार का प्रयास समग्र शांति और सद्भाव देश के हित में है। यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना वाला कदम है। खंडपीठ ने कहा कि याचिका में दिए गए कथनों पर गौर करने पर हमने पाया कि याचिकाकर्ता के तर्क में काफी दम है, लेकिन याचिका में कोई तथ्य नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके लिए देश प्रथम है। वह अपने देश के साथ खड़ा है। अदालत से केंद्र सरकार को पाकिस्तानी कलाकारों, संगीतकारों, गीतकारों और सिनेकलाकारों को भारत में आने के बीजा पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गयी थी। पाकिस्तानी कलाकार, संगीतकार, गीतकार, सिनेकलाकारो के भारत में आने से उनके (याचिकाकर्ता) जैसे पेशेवरों की आजीविका पर प्रभावित हो रही है। यदि प्रतिबंध के बाद भी देश में पाकिस्तानी कलाकार आते हैं और कोई व्यक्ति, संस्था या संगठन उन्हें ले कर आती है, तो राज्य पुलिस को उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई का निर्देश देने की भी मांग की गयी थी। याचिका में ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) ने भारतीय फिल्म उद्योग में सभी पाकिस्तानी अभिनेताओं और कलाकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी देना का ही हवाला दिया गया था।