मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दशहरा रैली में इस्तेमाल हुए फंड की जांच के लिए दायर जनहित याचिका खारिज
- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दशहरा रैली में इस्तेमाल हुए फंड की जांच के लिए दायर जनहित याचिका खारिज
- वकील नितिन सातपुते ने जनहित याचिका की थी दायर
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के दशहरा रैली में इस्तेमाल हुए फंड की जांच के लिए दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता के वकील नितिन सातपुते तीसरी बार अदालत के समक्ष पेश होने में विफल रहे।
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने बुधवार दीपक जगदेव की ओर से वकील नितिन सातपुते की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में आयोजित रैली में राज्य भर से लगभग 2 लाख लोग शामिल हुए।
लोगों को कार्यक्रम में लाने के लिए राज्य द्वारा महाराष्ट्र सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की 1700 बसों का इस्तेमाल किया गया था। याचिकाकर्ता ने दावा था कि रैली में उपलब्ध कराई गई अन्य सुविधाओं के अलावा उक्त सेवा के लिए एमएसआरटीसी को 10 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया था। खंडपीठ ने यह देखते हुए याचिका खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता के वकील तीसरी बार अदालत के समक्ष पेश होने में विफल रहे।