सियासी तंज: भाजपा नेता ने उद्धव को दी आत्मचिंतन की सलाह, राऊत बोले - जो खुदको किंगमेकर मान रहे थे कर दिए गए किनारे
- लोस चुनाव में उद्धव ने सबसे ज्यादा मेहनत की- मंत्री पाटील
- मोदी कैबिनेट में सही ढंग के मंत्रालय नहीं मिलने पर संजय का भाजपा पर निशाना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की तारीफ की है। साथ ही उन्होंने आत्मचिंतन की सलाह भी दी है। मंगलवार को कोल्हापुर में पाटील ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मेहनत उद्धव ने की है। मुझे एक मित्र होने के नाते उद्धव को लेकर मन मंक चिंता होती थी। क्योंकि उद्धव की सेहत थोड़ी खराब थी। इसके बावजूद उद्धव ने काफी ज्यादा चुनाव प्रचार किया। इस चुनाव में शिवसेना (उद्धव) को 9 सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस को 13 और राकांपा (शरद) को 8 सीटें मिली हैं। जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) ने भाजपा के साथ गठबंधन करके 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था। जिसमें शिवसेना (अविभाजित) को 18 सीटें मिली थीं। इस चुनाव में शिवसेना (उद्धव) का कांग्रेस और राकांपा (शरद) ने जमकर फायदा उठाया। लेकिन उद्धव को केवल 9 सीटें मिल पाई हैं। इसलिए उद्धव को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस और राकांपा (शरद) के गठबंधन करके आखिर क्या हासिल किया? क्योंकि उद्धव की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उनके उम्मीदवार अल्पसंख्यक समाज के वोटों के सहारे जीतकर आए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद सामने आए पाटील के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि भाजपा के विधायक प्रवीण दरेकर को पाटील के द्वारा उद्धव की गई तारीफ पंसद नहीं आई है। दरेकर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी मेहनत करके रैलियां की थीं। उद्धव महीने में एक बार सक्रिय होते हैं। इसलिए वे मीडिया के सुर्खियों में रहते हैं।
जो अपने आप को किंगमेकर मान रहे थे वह किनारे कर दिए- राऊत
मोदी कैबिनेट में भाजपा के सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में मलाईदार मंत्रालय नहीं मिलने पर विपक्ष ने भाजपा पर निशाना साधा है। शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि जो दल ( जेडीयू और टीडीपी ) अपने आप को किंगमेकर मानकर चल रहे थे, उन्हें विभाग बंटवारे में भाजपा ने किनारे कर दिया है। राऊत ने कहा कि एनडीए में भाजपा के सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में सिर्फ लॉलीपॉप ही मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह पुरानी रीति रही है कि वह अपने सहयोगियों से इसी तरह का व्यवहार करती है।
सोमवार को जब मोदी सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हुआ तो एनडीए में भाजपा के सहयोगी दलों के खाते में ऐसे विभाग आए जिनका ज्यादा रुतबा नहीं होता है। इसी को लेकर संजय राऊत ने कहा कि केंद्र में सरकार के गठन से पहले जेडीयू और टीडीपी के नेता गृह मंत्रालय से लेकर वित्त मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय तक लेने की बात कर रहे थे। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विभागों का बंटवारा किया तो इन नेताओं के खाते में छोटे-मोटे विभाग ही आए। राऊत ने कहा कि भाजपा हमेशा से अपने सहयोगी दलों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती है। यही कारण रहा कि विभागों के बंटवारे में दूजा भाव देखने को मिला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने ईडी और सीबीआई के डर से मोदी के साथ मिलकर सरकार बनाई है। पटोले ने कहा कि भाजपा के सबसे बड़े दोस्त ईडी और सीबीआई हैं। इसलिए भाजपा का कोई भी सहयोगी दल खुलकर अपनी बात नहीं रख पाता है।
राज्य सरकार में मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने संजय राऊत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राऊत ने कभी सरकार में काम नहीं किया है, इसलिए उन्हें मंत्रालय की अहमियत पता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी मंत्रालय जनता की सेवा के लिए बने हैं न कि अपने किसी के रुतबे। मुनगंटीवार ने कहा कि जब केंद्र में भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) की सरकार थी तो मनोहर जोशी और अरविंद सावंत को उद्योग मंत्रालय मिले थे। तब राऊत ने यह सवाल क्यों नहीं उठाए थे? उन्होंने कहा कि राऊत पहले पढ़ाई लिखाई करें उसके बाद इस तरह के मुद्दों पर बयानबाजी करें।