अख्तर हसन रिजवी को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

  • ईओडब्ल्यू में धोखाधड़ी का मामला किया गया था दर्ज
  • सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया था इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-08 16:09 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद अख्तर हसन रिजवी को बड़ी राहत मिली है। अदालत से मंगलवार को उन्हें अग्रिम जमानत मिल गयी। अदालत नेे कहा कि रिजवी को हिरासत में पूछताछ करने की जरुरत नहीं है। शिकायतकर्ता की ओर से भी उनकी अग्रिम जमानत का विरोध नहीं किया गया। उनका आपस में समझौता हो गया है।

न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ के समक्ष मंगलवार को वरिष्ठ वकील राजीव चव्हाण की ओर से दायर अख्तर हसन रिजवी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि रिजवी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। शिकायतकर्ता का भी याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत का विरोध नहीं है। याचिकाकर्ता को शर्तों के आधार पर अग्रिम जमानत दी है। इससे पहले याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से इस साल 3 फरवरी को पुलिस की गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण मिला था, जो मंगलवार को अग्रिम जमानत मिलने तक जारी था। सेशन कोर्ट ने रिजवी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसका बाद 80 वर्षीय रिजवी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी।

अग्रिम जमानत याचिका में रिजवी ने दावा किया कि अपनी उम्र के कारण वह कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल नहीं थे और उनका बेटा अबीस प्रभारी था। अबीस साल 2017 में तुर्की में एक आतंकी हमले में मारा गया था। उसकी मौत के बाद ही उसके वित्तीय लेनदेन का खुलासा हुआ था। शिकायतकर्ता जुनैद खान का आरोप था कि उसने व्यवसाई कार्यालय परिसर में 5.60 करोड़ रुपए का निवेश किया था, लेकिन बाद में पता चला कि परियोजना को आवासीय परिसर में बदल दिया गया था। इसलिए उन्होंने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।

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