राकांपा पर कब्जे के लिए अजित गुट ने की तैयारी शुरु
- पदाधिकारियों से भराए जा रहे हैं एफिडेविट
- अजित गुट ने की तैयारी शुरु
- राकांपा पर कब्जे की कवायद
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में हुई टूट को एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है। अब अजित गुट ने राकांपा पर कब्जे की तैयारी शुरु कर दी है। शिवसेना (शिंदे गुट) की तर्ज पर अजित गुट ने चुनाव आयोग और अदालत में जाने से पहले की तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसके लिए राकांपा (अजित गुट) ने कार्यकर्ताओं के एफिडेविट (हलफनामे) बनाने शुरु कर दिए हैं। एफिडेविट बनाने का यह सिलसिला कुछ दिनों पहले ही शुरू हो चुका है। अजित गुट के मुंबई राकांपा कार्याध्यक्ष नरेंद्र राणे का कहना है कि मामला कानूनी होने की स्थिति में कागजातों को बनाने की तैयारी शुरू की गई है।
अजित गुट की कागजी कार्रवाई हुई तेज
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग में एक हलफनामा दायर कर कहा था कि राकांपा में कोई टूट नहीं हुई है। बावजूद इसके अजित गुट ने राकांपा पर पकड़ बनाने की प्रक्रिया जारी रखी हुई है। अजित गुट के कार्यालय में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों के एफिडेविट (हलफनामे) बनाने का काम जोरों पर हैं। राकांपा कार्याध्यक्ष नरेंद्र राणे ने कहा कि हम अपना पक्ष मजबूत कर रहे हैं। अगर हमें अदालत या कानूनी कार्रवाई के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी तो उन्हें अदालत में पेश किया जा सकेगा।
कार्यकर्ताओं के एफिडेविट बनाने का कुछ मतलब नहीं है- महेश तपासे
राकांपा (शरद गुट) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने चुनाव आयोग को अपना जवाब भेज दिया है। तपासे ने कहा कि पवार ने राकांपा में किसी भी टूट से इनकार किया है। ऐसे में कार्यकर्ताओं के एफिडेविट बनाने का कुछ मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 25 सालों से भी ज्यादा समय से शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में अगर मामला अदालत में पहुंचता भी है तो पार्टी पर किसका हक होगा उसके बारे में चर्चा करना ठीक नहीं है।
जब अजित पवार ने की थी बगावत
गौरतलब है कि 2 जुलाई को अजित पवार ने राकांपा से बगावत कर 40 विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन दे दिया था। जिसके बाद अजित पवार को उपमुख्यमंत्री जबकि दूसरे 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया था। हालांकि इस बगावत को दोनों ही गुटों की तरफ से अभी तक अदालत में चुनौती नहीं दी गई है लेकिन शरद पवार अजित पवार को सबक सिखाने की बात जरूर कह चुके हैं।