भीमा कोरेगांव मामला: आरोपी तेलुगु कवि वरवर राव को 7 दिनों के लिए हैदराबाद जाने की बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली अनुमति

  • वरवर राव को 7 दिनों के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति
  • बॉम्बे हाई कोर्ट से इजाजत
  • मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने के लिए 3 महीने की मांगी थी अनुमति

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-23 15:42 GMT



-

डिजिटल डेस्क, मुंबई

बॉम्बे हाई कोर्ट से भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी 82 वर्षीय तेलुगु कवि वरवर राव को अपनी आंख की मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए 7 दिनों की हैदराबाद जाने की अनुमति मिल गई है। उन्होंने हैदराबाद जाने के लिए 3 महीने की अनुमति मांगी थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील संदीप पाटिल ने इसका विरोध किया।

न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को वरवर राव की ओर से वकील आर.सत्यनारायणन की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने राव से एक आंख की सर्जरी के लिए सात दिन की इजाजत दे दी, लेकिन उन्हें दूसरी आंख की सर्जरी कराने के लिए ट्रायल कोर्ट से नए सिरे से अनुमति मांगने को कहा है। वकील आर.सत्यनारायणन ने दलील दी थी कि राव 83 वर्ष के हैं और उन्हें मोतियाबिंद सर्जरी कराने की जरूरत है, जिसके लिए उपयुक्त स्थान हैदराबाद है।

उन्होंने कहा कि यदि राव सर्जरी नहीं कराते हैं, तो उन्हें दृष्टि हानि सहित गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। वह हैदराबाद में मुफ्त में इलाज करा सकते हैं,क्योंकि वह तेलंगाना राज्य सरकार के पेंशनभोगी हैं। एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें केवल तीन दिन का समय दिया जाना चाहिए। इसके बाद अदालत ने राव को आदेश अपलोड करने की तारीख से हैदराबाद जाने और अपनी सर्जरी कराने के लिए सात दिन का समय दिया।

विशेष एनआईए अदालत ने राव को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने पिछले साल नवंबर में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कवि कथित माओवादी संबंधों को लेकर यूएपीए के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त 2022 को उन्हें स्थायी चिकित्सा जमानत दे दी थी, लेकिन उन्हें मुंबई की सीमा के भीतर रहने की शर्त लगाई है।

आरोपी वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने हाई कोर्ट में डिफॉल्ट जमानत के लिए दायर की याचिका

30 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई

एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में गिरफ्तार वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने हाई कोर्ट में डिफॉल्ट जमानत के लिए याचिका दायर किया है। न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को गाडलिंग की ओर से वकील आर.सत्यनारायणन की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने एनआईए के वकील संदेश पाटिल को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। गाडलिंग को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह तभी से जेल में हैं।

Tags:    

Similar News