10 वर्षों में काटे गए 8777 हजार पेड़- 20172 पुनर्रोपित- लेकिन लगे एक भी नहीं

  • 10 वर्षों में काटे गए 8777 हजार पेड़
  • परियोजनाओं के लिए पेड़ों की बलि
  • 20172 पुनर्रोपित- लेकिन लगे एक भी नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-03 16:35 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पिछले 10 वर्षों में मुंबई में चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं के लिए 8777 हजार पेड़ काट दिए गए। 20,172 पेडों को पुनर्रोपित किया गया। लेकिन यह पेड़ कहां लगाए गए उनका क्या हाल है, यह जानकारी किसी के पास नहीं है।

मुंबई में मिलों की जमीन पर गृह निर्माण, मेट्रो, मोनो, कारशेड, विभिन्न सड़कों के कारण बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना पड़ता है। इन परियोजनाओं के लिए 8777 पेड़ों की बलि दी गई। पेड़ों को काटने से बचाने के लिए पुनर्रोपित करने का नया तरीका इजाद किया गया जो कि वृक्षों से जुड़े किसी भी नियम में नहीं है।

मुंबई में एक पेड़ काटने पर उसके बदले चार नए पेड़ लगाने होते हैं। मुंबई में पेड़ लगाने की जगह नहीं होने के कारण पेड़ों को चंद्रपुर में या मुंबई के ठाणे जिले में लगाए गए हैं। मुंबई महानगर पालिका का गार्डन विभाग जिसके पास पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है उसने मुंबई घटते पेड़ों को बचाने के लिए विभिन्न उपाय करता है। मुंबई में हरियाली बनाए रखने के लिए मियावाकी पद्धति से कई स्थानों पर घने जंगल तैयार किए गए हैं। लेकिन पेड़ों को काटने की अनुमति मुंबई मनपा की वृक्ष प्राधिकरण समित को करनी होती है। जिसके अध्यक्ष मुंबई मनपा के आयुक्त होते हैं।

पिछले 20 वर्षों में वृक्षों को पुनर्रोपित करने का तरीका मनपा ने खोजा था। जबकि इसके लिए कोई नियम ही नहीं है। जिन जगहों पर वृक्षों को पुनर्रोपित किया गया अब तक उनमें से एक भी वृक्ष नहीं लग सके। मनपा उद्यान विभाग के एक अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि मुंबई की जमीन पथरीली है। मुंबई में वृक्ष पुनर्रोपण के सफलता गांरटी कोई नहीं दे सकता। दूसरा यह कि जिन संस्थाओं को पेड़ों को पुनर्रोपित करने के लिए कहा गया था उन्होंने पेड़ों को कहां पुनर्रोपित किया इसकी जानकारी दी ही नहीं। जब हमारे अधिकारी निरीक्षण के लिए जाते हैं तो उन्हें प्रवेश ही नहीं दिया जाता। मुंबई की जमीन में केवल देशी और उन पेड़ों को ही सफलता पूर्वक लगाया जा सकता है, जिनकी जड़ें गहरी जाती हों।

आरटीआई कार्यकर्ता गॉडफ्रे पिमेंटा ने सूचनाधिकार के तहत पेड़ों के संदर्भ में जानकारी मांगी थी। जिसमें बताया गया कि मुंबई के पूर्वी उपनगरों में सबसे अधिक पेड़ काटे गए हैं। विभिन्न संस्थानों और प्राधिकरणों के कार्यों के लिए पेड़ों को काटा या दोबारा लगाया जाने का नियम है। यह पेड़ डेवलपर्स, सोसायटी, कारखानों, एमएमआरडीए, म्हाडा, बीएमसी, सेंट्रल रेलवे, एलएंडटी के विभिन्न कार्यों के लिए काटे गए हैं। इनमें से अधिकांश पेड़ निजी बिल्डरों की डिमांड पर हैं।

गॉडफ्रे पिमेंटा, प्रमुख, आरटीआई कार्यकर्ता के मुताबिक परियोजना के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़ों का कत्लेआम किया गया है। पुनर्रोपित किए गए पेड़ों संख्या बहुत बड़ी लगती है, लेकिन उनके जीवित रहने की दर शून्य है। मुंबई में पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को एक साथ आने की जरूरत है।


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