खुलासा: राज्य के 60 फीसदी होटल भोजन-नाश्ते के योग्य नहीं, जांच में किचन मिला गंदा

  • कर्मचारियों का स्वास्थ्य सर्टिफिकेट भी नहीं
  • 803 होटलों को नियमों की पूर्तता करने का नोटिस
  • एफएसएसएआई के मानक के आधार पर होती है जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-11 16:09 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राजधानी सहित राज्यभर के 60 फीसदी होटल भोजन- नाश्ते के लिए योग्य नहीं पाए गए है। यह बात राज्य के अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) की जांच में सामने आयी है। फ़ूड इंस्पेक्टरों की जांच में कई होटलों के किचन गंदे पाए गए है। इसके साथ ही कुछ होटलों में काम करनेवाले कर्मचारियों का हेल्थ सर्टिफिकेट भी नहीं था। इसके अलावा कुछ होटलों के पास लाइसेंस भी नहीं होने की बात जांच में सामने आयी है। नियमों की अनदेखी करने वाले इन होटलों पर एफडीए ने शिकंजा कसा है। इनमें से एफडीए ने 30 होटलों का शटर डाउन कर दिया है और 28 के लाइसेंस निरस्त कर दिए है। जबकि 803 होटलों को नियमों की पूर्तता के लिए नोटिस दी गई है। अपनी इस कार्रवाई में एफ़डीए ने 13,95,100 रुपए दंड भी वसूला है। जबकि 22 होटलों के खिलाफ न्यायलय में मुकदमा किया गया है।

एफडीए समय-समय पर मुंबई सहित राज्यभर के होटलों का निरीक्षण करती रहती है। त्योहारों के अलावा क्षेत्र के फ़ूड इंस्पेक्टर अपने अधीन आनेवाले क्षेत्रों में निरीक्षण का कार्य करते है। बीते वर्ष एफ़डीए के 125 फ़ूड इंस्पेक्टर ने 1,432 होटलों का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण में 861 होटलों में खामियां पायी गई। इनमें से 803 होटलों को खामियों को दुरुस्त करने के लिए नोटिस दी गई है। एफ़डीए के संयुक्त आयुक्त शैलेश आढाव के मुताबिक मुंबई हो या अन्य जिले के अधिकांश लोग होटल के खानपान पर निर्भर हैं। खासकर नौकरी पेशा लोग। जबकि कुछ लोग ऐसे भी है जो पार्टियां आदि के लिए बड़े होटलों का भी सहारा लेते है। कई होटलों के किचन की असलियत से भी ये लोग परे रहते है। इसलिए समय-समय पर फ़ूड इंस्पेक्टर होटलों का निरीक्षण करते रहते है।।

एफएसएसएआई के मानक के आधार पर होती है जांच

एफडीए के संयुक्त आयुक्त शैलेष आढाव ने बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने होटल के लिए कुछ मानक तय किए है। इन मानकों के आधार पर होटलों का इंस्पेक्शन किया जाता हैं। अधिकतर होटल तय मानकों का पालन नहीं कर पाते हैं। कई बार हम होटलों को नोटिस देकर खामियों को पूरा करने के लिए कहते हैं। तो कुछ मामले में होटलों को दंडित भी किया जाता भी हैं। यदि हमें कोई भारी चूक मिलती है तो तुरंत स्टॉप वर्क का नोटिस भी जारी करते हैं।

क्या खामियां पाई गई

शैलेष आढाव ने बताया कि इंस्पेक्शन के दौरान कई होटलों में साफ - सफाई में कमी पाई गई। कहीं किचन गंदा हैं तो कुछ के कचरे के डिब्बे खुले पड़े थे जबकि नियम के मुताबिक कचरे के डिब्बे पर ढक्कन होना चाहिए। होटल में काम कर रहे कर्मचारियों को हाथों में ग्लव्स, सिर पर कैप पहनना होता है। शेफ को उक्त दोनों चीजों के साथ अप्रॉन भी पहनना होता है। इसके साथ ही कई होटलों के खाने में इस्तेमाल किए जानेवाले मसाले भी निम्न स्तर के जांच में पाए गए। इसके अलावा होटल में काम करने वाले स्टाफ का मेडिकल चेक और फिटनेस सर्टिफिकेट होना बेहद जरूरी है इससे यह स्पष्ट होता है कि स्टाफ किसी संक्रामक रोग से ग्रसित नहीं है। जांच में कई होटलों के स्टाफ के पास सर्टफिकेट नहीं मिला। 

ऐसी रही एफ़डीए की जांच

फ़ूड इंस्पेक्टर- 125

होटल का निरीक्षण-1,432

सुधार की नोटिस- 803

लाइसेंस निरस्त- 28

व्यवसाय बंद करने की नोटिस- 30

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