जबलपुर: साढ़े 3 सौ शिक्षकों ने 39 दिनों में जाँच दीं बोर्ड की पौने तीन लाख काॅपियाँ
- छुट्टी के दिन भी मूल्यांकन, अब सिर्फ उर्दू की काॅपियों की जाँच बाकी
- रिजल्ट जल्द घोषित करने की तैयारी के कारण शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा काॅपियाँ जाँचने के लिए कहा गया था।
- बोर्ड परीक्षा का काम 22 फरवरी से शुरू कराया गया था।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कक्षा दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा काॅपियों के मूल्यांकन का काम लगभग कम्प्लीट हो गया है। संडे के साथ ही अवकाश के दिनों में भी शिक्षक काॅपियों को जाँचने में जुट रहे। एमएलबी स्कूल में लगभग साढ़े 3 सौ शिक्षकों ने 39 दिनों में पौने तीन लाख काॅपियाँ जाँच दीं। अब सिर्फ उर्दू विषय की काॅपियाें का मूल्यांकन बाकी है। वह भी एक-दो दिन में पूरा हो जाएगा।
शिक्षकों को काॅपियों को जाँचने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था, शिक्षकों ने भी पूरी तन्मयता दिखाते हुए वक्त पर काम पूरा कर लिया है। रिजल्ट जल्द घोषित करने की तैयारी के कारण शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा काॅपियाँ जाँचने के लिए कहा गया था।
बोर्ड परीक्षा का काम 22 फरवरी से शुरू कराया गया था। जिले में लगभग पौने 3 लाख काॅपियाँ ही मूल्यांकन के लिए आई थीं। अब सिर्फ 8 सौ काॅपियाँ ही बची हैं जिनका मूल्यांकन होना है।
कम शिक्षक फिर भी समय पर काम
जिले में मूल्यांकन के लिए आईं पौने 3 लाख काॅपियाें की जाँच करने लगभग 15 सौ शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन कक्षा 9वीं और 11वीं की परीक्षा के साथ ही शिक्षकों के पास अन्य कार्य भी थे।
यही वजह है कि मूल्यांकन के कार्य के लिए जितने शिक्षक पहुँचने थे उतने नहीं पहुँचे। लगभग साढ़े तीन सौ शिक्षकों ने ही मूल्यांकन का कार्य समय पर पूरा कर दिया। चुनाव के कारण और रिजल्ट समय पर देने के लिए मूल्यांकन 31 मार्च तक पूरा करने की बात कही जा रही थी।
तरह-तरह के जवाब
जानकारी के अनुसार मूल्यांकनकर्ता को इस बार भी काॅपियों की जाँच के दौरान तरह-तरह के जवाब देखने मिले। किसी छात्र ने प्रश्न के उत्तर में पढ़ाई न कर पाने तो किसी ने बीमारी का बहाना भी बताकर पास करने की बात कही।
मूल्यांकनकर्ताओं का कहना था कि नंबर सही जवाब पर ही दिए गए हैं। वहीं मूल्यांकनकर्ताओं का कहना था कि इस बार शिक्षकों की कमी के कारण उन पर मूल्यांकन का दबाव भी ज्यादा रहा।