कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनेगा: उपार्जन से राशन बँटने तक होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग
- कहाँ राशन पहुँचा और कहाँ दिक्कत आई पूरी जानकारी होगी एकत्र
- केन्द्र सरकार पहले ही वन नेशन वन राशन कार्ड की घोषणा कर चुकी है।
- स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू होने के बाद जिले के हितग्राही पूरे देश में कहीं भी अनाज ले सकेंगे।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। राशन वितरण में आए दिन काेई न कोई नया घपला होता है। कहीं गरीब हितग्राहियों को अनाज नहीं मिल पाता है तो कहीं बहुत कम ही दिया जाता है। कहीं मिलावट की जाती है तो कहीं राशन की कालाबाजारी कर दी जाती है।
इन सबसे छुटकारा दिलाने अब सरकार स्मार्ट पीडीएस योजना पर काम कर रही है। इसके लागू होने के बाद अनाज के उपार्जन के बाद से ही उसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग होती रहेगी अनाज जब तक हितग्राहियों को मिल नहीं जाता तब तक पल-पल की खबर रखी जाएगी।
स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू होने के बाद जिले के हितग्राही पूरे देश में कहीं भी अनाज ले सकेंगे। केन्द्र सरकार पहले ही वन नेशन वन राशन कार्ड की घोषणा कर चुकी है।
प्रदेश में स्मार्ट पीडीएस स्कीम को अनुमति मिल चुकी है। इसके जरिए पात्र हितग्राहियों को अनाज मिलने में परेशानी नहीं होगी, जबकि फर्जी लोग अनाज नहीं ले पाएँगे। कितना अनाज बँटा और कितना बचा है इसकी भी पूरी जानकारी ऑनलाइन ही दर्ज हाेती रहेगी। इसके लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी बनाया जाएगा।
उपार्जन से लेकर वितरण तक होती है गड़बड़ी
अनाज के उपार्जन यानी खरीदी से लेकर राशन दुकानों में अनाज वितरण तक अनियमितताएँ होती हैं। अच्छा अनाज खरीदा जाता है और वेयर हाउस में मिलावट कर दी जाती है, कई मर्तबा तो सड़ा हुआ अनाज ही राशन दुकानों में भेज दिया जाता है।
हाल ही में मूँग उपार्जन में इसकी बानगी देखने मिल रही है। किसानों से अच्छी मूँग खरीदी जा रही है और वेयर हाउस में मिट्टी और पत्थर मिलाए जा रहे हैं।
अपात्रों के नाम जुड़ जाते हैं
बताया जाता है कि राशन पाने वाले हितग्राहियों की सूची में कई अपात्रों के नाम भी शामिल कर दिए जाते हैं और वे अनाज लेते रहते हैं। अनाज को भले ही अपने भोजन में शामिल न करें पर लेकर उसे बाजार में बेच देते हैं। इसी के जरिए कालाबाजारी जमकर की जाती है। सरकारें इसी वजह से केवल पात्रों को ही अनाज देना चाहती हैं, ताकि अनाज का दुरुपयोग न हो।