जबलपुर: दक्षिण संभाग में 1 लाख उपभोक्ता पर हैं सिर्फ 52 नियमित कर्मचारी

  • सुरक्षा उपकरण के अभाव में काम कर रहे बिजली कर्मी
  • संभाग में 240 आउटसोर्स कर्मचारी भी हैं लेकिन इनको करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है।
  • आउटसोर्स कर्मियों को 1000 जोखिम भत्ता भी नहीं दिया जा रहा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-11 11:30 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को तो नियमानुसार बिजली का उपयोग करने की सलाह देती है, लेकिन स्वयं नियम विरुद्ध कार्य करते हुए सरकार के आदेशों की अवहेलना कर नियमों की धज्जियाँ उड़ा रही है।

जानकारी के अनुसार सिटी सर्किल के दक्षिण संभाग के अंतर्गत करंट का कार्य करने के लिए नियमित कर्मचारियों की अत्यधिक कमी है, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से यह संभाग सबसे बड़ा है। इसमें तीन उप संभाग हैं, दो डीसी हैं। उन सभी में 106000 उपभोक्ता हैं।

यहाँ सिर्फ 52 नियमित कर्मचारी ही हैं। इन्हीं को करंट का कार्य करने का अधिकार है। क्षेत्र में ट्रांसफाॅर्मर की संख्या 1502 है और 18 सब स्टेशन हैं। सभी काम आउटसोर्स कर्मियों के भरोसे चल रहे हैं। संभाग में 240 आउटसोर्स कर्मचारी भी हैं लेकिन इनको करंट का कार्य करने का अधिकार नहीं है।

टावर गाड़ियों की है कमी

मप्र तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्र में तकनीकी कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरणों जैसे सीढ़ी, टेस्टर, टॉर्च, पेचकस आदि की कमी रहती है।

वहीं पर्याप्त संख्या में टावर गाड़ी नहीं होने से उपभोक्ताओं के कार्य समय पर नहीं हो पाते, साथ ही लाल रंग के हैंड ग्लव्स को पहनकर प्लास्क से कार्य करते नहीं बनता और कंपनी द्वारा दिए गए झूले में बैठकर भी सहजता से कार्य नहीं हो पाते तथा हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है।

जोखिम का कार्य करने की नहीं मिलती सूची

इसके अलावा अधिकारियों द्वारा करंट का जोखिमपूर्ण कार्य करने के लिए कार्य की अधिकृत सूची नहीं दी जाती। आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारियों से अवकाश के दिन भी कार्य कराया जाता है, लेकिन नियमानुसार दोगुनी दर से पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जाता, साथ ही आउटसोर्स कर्मियों को 1000 जोखिम भत्ता भी नहीं दिया जा रहा।

समस्याओं को लेकर डीई से चर्चा-

दक्षिण शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता अभिषेक विश्वकर्मा से तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं को लेकर मप्र तकनीकी कर्मचारी संघ प्रतिनिधियों द्वारा चर्चा की गई। इस दौरान संघ प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि सभी माँगों पर कार्यवाही की जाएगी।

इस दौरान मोहन दुबे, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, राजेश यादव, दशरथ शर्मा, अरुण मालवीय आदि उपस्थित थे।

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