जिम्मेदार मौन: सड़क पूरी बन नहीं पाई और हो गए कब्जे

  • माढ़ोताल स्थित ग्रीन सिटी रोड व चौराहे पर अतिक्रमणों की बाढ़
  • आसपास के वाशिंदों की आफत
  • इन हालातों में क्षेत्रीय लोगों को आवागमन में विशेष राहत मिल सकेगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-01 14:19 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर का ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहाँ खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमणकारी अपने पैर न पसार रहे हों। ऐसा ही कुछ माढ़ोताल िस्थत ग्रीन िसटी चौराहे पर भी होता दिख रहा है। जहाँ कटंगी बायपास से अमखेरा इलाके में जुड़ने वाली सड़क का निर्माण किया जा रहा है।

यह सड़क अभी बन भी नहीं पाई है और यहाँ पर अवैध कब्जे होना शुरू हो गए हैं। इससे रोड का काम प्रभावित हो गया है, आसपास रहने वाले नागरिकों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यहाँ आश्चर्यजनक बात यह है कि उक्त अतिक्रमण एक ही परिवार के हैं, लेकिन बार-बार शिकायतें करने पर भी नगर निगम के जिम्मेदारों ने इन कब्जों की ओर देखा तक नहीं।

165 फीट की सड़क रह गई 100 फीट की

क्षेत्रीयजनों का आरोप है कि ग्रीन सिटी की उक्त रोड कभी 165 फीट की हुआ करती थी, लेकिन अब यह महज 100 फीट की होकर रह गई है। यहाँ पर बढ़ती आबादी को देखते हुए नगर निगम द्वारा पक्की सड़क बनाई जा रही है, जो कि कटंगी बायपास, शिवाजी नगर, ग्रीनसिटी एवं कसौंधन नगर होकर अमखेरा से जुड़ेगी।

इस सड़क के बन जाने पर न केवल स्थानीय कॉलोनियों के वाशिन्दों को आवागमन में राहत मिलेगी, बल्कि जब-तब भारी वाहनों के कारण आईटीआई, दीनदयाल चौक एवं कृषि उपज मंडी में लगने वाले भयावह जाम से निजात भी मिलेगी।

बड़ी संख्या में आते-जाते हैं वाहन

क्षेत्रीयजन विमल रैकवार, राजेन्द्र सेन, हरिशंकर कोष्टा, बाला तिवारी एवं वीरेन्द्र पवार आदि का कहना है कि नगर निगम को इस मार्ग पर काबिज अतिक्रमणों को यथाशीघ्र हटवाना चाहिए। इसके बाद पक्की एवं सुव्यवस्थित रोड का निर्माण किया जाना चाहिए।

उनके अनुसार इसी रोड से बड़ी संख्या में कठौंदा प्लांट तक नगर निगम के भारी वाहन भी आते-जाते हैं। ऐसे में यदि ग्रीन सिटी तिराहे पर काबिज इन अतिक्रमणों को हटवा दिया जाए, तो शहर को एक नया मार्ग मिलने के साथ इस रूट का यातायात भी सुगम हो सकेगा।

इन हालातों में क्षेत्रीय लोगों को आवागमन में विशेष राहत मिल सकेगी और सड़क हादसों में भी कमी आएगी।

गंभीर नहीं दिख रहे अधिकारी

ग्रीन सिटी चौराहे पर करीब आधा दर्जन छोटे-बड़े कब्जों के बारे में नगर निगम के जिम्मेदारों को लिखित एवं मौखिक शिकायतें भी की गयीं, लेकिन आज तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।

इतना ही नहीं रोजाना यहाँ से बड़ी संख्या में नगर निगम के वाहन और अधिकारी भी आवागमन करते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस रोड पर काबिज अतिक्रमणों को हटाने कोई ठोस कार्रवाई कभी नहीं की।

उनके अनुसार कुछ समय पूर्व जेडीए द्वारा इस रोड को नए सिरे से बनाने की तैयारियाँ अवश्य शुरू हुई थीं, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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