जबलपुर: दिवंगत जजों और न्यायपालिका का संबंध सेवाकाल तक ही सीमित नहीं

  • 2023 में दिवंगत हुए न्यायिक अधिकारियों को हाईकोर्ट की फुल कोर्ट रिफरेंस में दी श्रद्धांजलि
  • वर्ष 2023 के दौरान 9 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और एक सेवारत न्यायाधीश का निधन हुआ है
  • अधिकारियों को सम्मान देने की यह परंपरा देश भर में पहली बार शुरू की थी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-06 09:03 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में फुल कोर्ट रिफरेंस आयोजित कर वर्ष 2023 में अधीनस्थ अदालतों के दिवंगत हुए सेवारत व सेवानिवृत्त जजों (न्यायिक अधिकारियों) को श्रद्धांजलि दी गई। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की अध्यक्षता में आयोजित रिफरेंस में इंदौर व ग्वालियर पीठ के भी सभी न्यायाधीश वर्चुअल मोड से उपस्थित रहे। सनद रहे कि पिछले वर्ष मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने दिवंगत न्यायिक अधिकारियों को सम्मान देने की यह परंपरा देश भर में पहली बार शुरू की थी।

वर्ष 2023 के दौरान 9 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और एक सेवारत न्यायाधीश का निधन हुआ है। फुल कोर्ट रिफरेंस में मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “एक न्यायिक अधिकारी चाहे वह सेवा में हो या सेवानिवृत्त, हमारे बीच से असमय जाना न्यायिक परिवार के लिए एक अपूर्णनीय क्षति है। इस दिन हम न्यायाधीशों द्वारा अपने कर्तव्य के निर्वहन में किए गए त्याग को याद करते हैं और इस प्रकार हम शोक संतृप्त परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करते हैं कि दिवंगत न्यायाधीश और न्यायपालिका के परस्पर संबंध उसके सेवाकाल के साथ समाप्त नहीं होता है। यह एक स्थायी बंधन है।”

इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रीवा एवं अध्यक्ष मध्य प्रदेश न्यायाधीश संघ सुबोध कुमार जैन ने भी सभा को संबोधित किया। रिफरेंस में अतिरिक्त महाधिवक्ता, रजिस्ट्रार जनरल, राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत न्यायिक अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी।

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