जबलपुर: डुमना नेचर पार्क के म्यूजियम पर दो साल से लगा है ताला
- म्यूजियम में रिसर्च करने वाले छात्र और छात्राएँ भी आया करते थे।
- 10 साल पहले डुमना नेचर पार्क में 10 लाख रुपए की लागत से म्यूजियम बनाया था।
- म्यूजियम में पक्षियों के बारे में जानकारी और कम्प्यूटर में पक्षियों की आवाज रिकॉर्ड की गई थी।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। डुमना नेचर पार्क के म्यूजियम पर दो साल से ताला लटक रहा है। वन विभाग ने म्यूजियम में ताला लगाकर चाबी रख ली है। नगर िनगम के अधिकारी वन विभाग से म्यूजियम की चाबी लेने के लिए कई बार पत्र लिख चुके है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इससे यहाँ पर आने वाले पर्यटकों को निराश होना पड़ रहा है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि महाकोशल विकास प्राधिकरण ने 10 साल पहले डुमना नेचर पार्क में 10 लाख रुपए की लागत से म्यूजियम बनाया था।
इसका उद्देश्य पर्यटकों को आकर्षित करना और जानवरों और पक्षियों से परिचित कराना था। म्यूजियम में डुमना नेचर में रहने वाले जंगली जानवरों के फोटो के साथ विस्तार से जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही म्यूजियम में पक्षियों के बारे में जानकारी और कम्प्यूटर में पक्षियों की आवाज रिकॉर्ड की गई थी।
इससे यहाँ पर घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को जानवरों और पक्षियों के बारे में जानकारी मिल जाती थी। म्यूजियम में रिसर्च करने वाले छात्र और छात्राएँ भी आया करते थे।
म्यूजियम बंद, जिम्मेदार बेखबर
डुमना नेचर पार्क का म्यूजियम दो साल से बंद है। यहाँ पर आए दिन जिला प्रशासन, नगर निगम और वन विभाग के अधिकारी आते रहते हैं। इस दौरान किसी भी अधिकारी ने यह पता करने का प्रयास नहीं किया कि म्यूजियम किस कारण से बंद है। दो साल में भी किसी अधिकारी ने म्यूजियम खुलवाने की पहल नहीं की है।
डुमना नेचर पार्क में 10 साल पहले महाकोशल विकास प्राधिकरण ने म्यूजियम का निर्माण कराया था।
यहाँ पर बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे। दो साल पहले वन विभाग ने म्यूजियम में ताला लगा दिया। ताला खुलवाने के लिए डीएफओ को कई पत्र लिखे जा चुके हैं।
- आदित्य शुक्ला, कार्यपालन यंत्री, उद्यान विभाग, नगर निगम