जिला प्रशासन ने की कार्रवाई: जर्जर हो चुके एम्पायर थियेटर को ढहाया
- खतरनाक हो चुकी थी 106 साल पुरानी इमारत
- वर्ष 1918 में बना था थियेटर, फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ की जुड़ी थीं यादें
- वर्ष 1952 में फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ ने एम्पायर थियेटर को खरीद लिया।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सर्किट हाउस नंबर-एक के सामने स्थित एम्पायर थियेटर की 106 साल पुरानी जर्जर इमारत को मंगलवार शाम ढहा दिया गया। शुरुआत में सेना के जवानों के आने पर कुछ देर के लिए गहमागहमी बढ़ी, लेकिन स्थिति स्पष्ट होने के बाद मामला शांत हो गया।
बताया गया है कि एम्पायर थियेटर का भवन काफी जर्जर हो चुका था। इसके गिरने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई थी। हाल ही में सागर में दीवार गिरने से 9 बच्चों और रीवा में 4 बच्चों की मौत हो गई थी। जिसे देखते हुए एहतियातन जिला प्रशासन ने एम्पायर थियेटर को गिराने का निर्णय लिया।
अधिकारियों की मौजूदगी में यह कार्रवाई देर रात तक चलती रही। कार्रवाई को लेकर शाम करीब 5 बजे जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी एम्पायर थियेटर के सामने पहुँचे। उन्होंने अपने-अपने वाहन एम्पायर थियेटर से 50 फीट की दूरी पर सड़क के चारों तरफ लगा दिए।
पेन्टीनाका से शहर की तरफ जाने वाली सड़क को एक तरफ से बंद कर दिया। कुछ ही देर में एमपीईबी की टीम भी यहाँ पर पहुँच गई। बिजली कर्मियों ने एम्पायर थियेटर के आसपास मौजूद बिजली के तार काट दिए। कुछ देर में एनएचएआई की पोकलेन मशीन भी यहाँ पहुँच गई।
एसडीएम रघुवीर सिंह मरावी, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री शिवेन्द्र सिंह और नगर निगम के सहायक अतिक्रमण अधिकारी सागर बोरकर की मौजूदगी में शाम 6.15 बजे से पोकलेन मशीन से एम्पायर थियेटर को गिराने की कार्रवाई शुरू की गई। सुरक्षा की दृष्टि से थियेटर को क्रमवार ढंग से ढहाया गया।
नजारे को कैमरे में कैद करने लगी भीड़
एम्पायर थियेटर को गिराने की कार्रवाई शुरू होते ही मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई। हर कोई एम्पायर थियेटर के गिरने के दृश्य को कैमरे में कैद करना चाह रहा था।
सागर में दीवार गिरने से 9 बच्चों और रीवा में 4 बच्चों की मौत हो गई थी। इसको देखते हुए शहर के जर्जर भवनों को गिराने का आदेश जारी किया गया है। इसके तहत ही एम्पायर थियेटर के जर्जर भवन को गिराया गया।
-दीपक सक्सेना, कलेक्टर
वर्ष 1918 में बना था थियेटर, फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ की जुड़ी थीं यादें
एम्पायर थियेटर का निर्माण वर्ष 1918 में किया गया था, उस समय यहाँ पर अंग्रेज डांस करने के लिए आते थे। कालांतर में अंग्रेज महिला मेडम विलेमी ने यहाँ पर फिल्म का प्रदर्शन करना शुरू किया। वर्ष 1952 में फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ ने एम्पायर थियेटर को खरीद लिया।
फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ यहाँ पर अक्सर आया करते थे। उनका थियेटर के कर्मचारियों से भावनात्मक लगाव था। वर्ष 1998 में थियेटर को बंद कर दिया गया। प्रेमनाथ की मृत्यु के बाद थियेटर उनके पुत्र मोंटी को मिला, लेकिन वर्ष 2008 में सेना ने थियेटर को अधिग्रहित कर लिया।