जबलपुर: बुखार के सिरप में जम गया था थक्का शेक करने के बाद भी ठीक से घुला नहीं
- पैरासिटामाेल सीबी पीडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन का सैंपल जाँच में फेल होने का मामला
- अक्टूबर, 2022 में हुई जाँच में सिरप मानक स्तर पर खरा पाया गया था।
- सिरप की गुणवत्ता को लेकर शंका पैदा हुई और फिर सैंपल जाँच के लिए भोपाल भेजा गया था।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बच्चों में बुखार की समस्या को ठीक करने के लिए दी जाने वाली सिरप (पैरासिटामाेल सीबी पीडियाट्रिक ओरल सस्पेेंशन) के जाँच में फेल हाेने की वजह सामने आई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एल्गिन अस्पताल सप्लाई की गई सिरप में थक्का जम गया था, जिसके चलते बॉटल शेक करने के बाद भी दवा ठीक से घुल नहीं रही थी। यहाँ से सिरप की गुणवत्ता को लेकर शंका पैदा हुई और फिर सैंपल जाँच के लिए भोपाल भेजा गया था।
जानकार बताते हैं कि आमतौर पर सिरप के उपयोग न होने की स्थिति में गाढ़ा तरल शीशी में नीचे की ओर जम जाता है और ऊपर की ओर दूसरा तरल दिखाई देता है, इसलिए सिरप पीने से पहले शीशी को अच्छी तरह हिलाने-डुलाने कहा जाता है ताकि अंदर भरी हुई दवा अच्छे से घुल-मिल जाए। सूत्र बताते हैं कि पीथमपुर स्थित क्वेस्ट लेबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड में बने पैरासिटामोल पीडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन की पहली खेप प्रदेश में सितंबर, वर्ष 2022 को गुना भेजी गई थी।
तब अक्टूबर, 2022 में हुई जाँच में सिरप मानक स्तर पर खरा पाया गया था। इसके बाद यह सिरप प्रदेश के लगभग सभी जिलों में भेजा गया। इस सिरप की गत वर्ष जबलपुर में भी सप्लाई हुई।
जबलपुर आई खेप में सिरप की गुणवत्ता संदिग्ध होने पर 13 जुलाई, 2023 में नमूना जाँच के लिए लिया गया। मार्च माह में जारी रिपोर्ट में यह सिरप स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं मिला, जिसके बाद दवा के उपयोग पर रोक लगा दी गई।
20 हजार बॉटल की हुई सप्लाई |
जाँच रिपोर्ट में सिरप स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाए जाने के बाद अस्पताल मंे इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई, हालांकि तब तक हजारों की संख्या में बॉटलें उपचार में प्रयोग हो चुकी थीं।
सूत्रों के अनुसार एल्गिन में अधिकृत काॅर्पोरेशन के माध्यम से 60 एमएल की 20 हजार से ज्यादा बॉटल्स की सप्लाई हुई थी, जिसमें से स्टॉक में केवल 400 शीशी ही बची हुई हैं, जिन्हें नियमानुसार वापस भेजने की प्रक्रिया की जा रही है।
बड़ी मात्रा में खरीदा गया सिरप | बताया जा रहा है कि बुखार के उपचार के दिए जाने वाले पैरासिटामोल पीडियाट्रिक ओरल सस्पेंशन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़ी संख्या में क्रय किया गया और इसकी सप्लाई प्रदेश के कई शासकीय अस्पतालों में की गई थी। जिले के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में भी इसकी खेप आई थी।