पित्ताशय में पथरी के इलाज का रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी नहीं दे रही क्लेम
आरोप: 7 वर्ष पुरानी पॉलिसी होने के बाद भी कर रहे जालसाजी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
बीमा कंपनियाँ लाख दावा करें की तीन वर्ष बाद सारी बीमारियाँ कवर होने लगती हैं पर वर्षों पुरानी पॉलिसी होने के बाद भी मरीज को किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलता है। अस्पताल में कैशलेस की सुविधा तो दूर की बात है बिल सबमिट करने पर सारा भुगतान निरस्त कर जिम्मेदार कहते हैं कि अस्पताल में इलाज की जरूरत ही नहीं थी। ऐसी ही शिकायत मध्य प्रदेश जबलपुर राइट टाउन अतुल विहार निवासी राकेश अरोरा ने की है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी संजना अरोरा को पित्ताशय में पथरी की शिकायत थी और कमर में अधिक दर्द था। इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद पित्ताशय में पथरी होना बताया और ऑपरेशन से ही इलाज होने की बात कही। उन्होंने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी क्रमांक 617822228240002415 का कैशलेस कार्ड दिया। अस्पताल प्रबंधन ने कैशलेस के लिए मेल किया तो बीमा अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान करने का वादा किया। बीमित ने पूरा इलाज कराया और जून 2023 में सारे बिल बीमा कंपनी में सबमिट किए तो रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों ने अनेक प्रकार की क्वेरी निकालीं जो बीमित ने सत्यापित करा कर जमा कर दीं पर क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर अधिकारियों ने नो क्लेम कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि बीमा कंपनी उनके साथ जालसाजी कर रही है। पीड़ित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर बीमा कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की माँग करने की तैयारी में है।
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