क्रेशर बस्ती: दो दशक से पक्की सड़क के लिए तरस रहे लोग
- सवा सौ मीटर से अधिक लम्बाई वाली यह रोड हादसों का सबब बन रही है।
- सुबह स्कूल जाते बच्चों और अपने काम पर जाते लोगों को आवागमन के दौरान परेशानियाँ झेलनी पड़ रही हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर की एक सड़क ऐसी भी है जो कि दो दशक बीतने के बावजूद खस्ताहाल ही बनी हुई है। हम बात कर रहे हैं तिलवारा स्थित वार्ड क्रमांक 5 सरदार वल्लभ भाई पटेल की क्रेशर बस्ती कबीर मठ रोड की, जो कि आम दिनों के अलावा बरसात के समय में और भी अधिक खतरनाक हो जाती है। इस दौरान अनेक बार शिकायतें करने के बाद भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं नगर निगम के जिम्मेदारों ने भी इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि दिन से लेकर रात तक आवागमन करना मुश्किलों भरा होता जा रहा है।
क्षेत्र में रहते हैं 1 सैकड़ा से ज्यादा परिवार
स्थानीयजनों धर्मेन्द्र गुहेरा, कमलेश पटैल, चीनी बर्मन, राजा एवं संदीप बर्मन आदि ने बताया कि क्षेत्र में अभी 1 सैकड़ा से ज्यादा परिवार निवास कर रहे हैं। दिन-ब-दिन यहाँ मकानों की संख्या तो बढ़ती चली गई लेकिन क्षेत्रीय परिवारों के लिए पक्की सड़क कभी नहीं बनी।
यही वजह है कि सवा सौ मीटर से अधिक लम्बाई वाली यह रोड हादसों का सबब बन रही है। उनका आरोप है कि विभिन्न चुनावों के दौरान घर-घर आने वाले प्रत्याशियों द्वारा उक्त सड़क को बनवाने का वादा तो किया गया लेकिन बाद में उनके द्वारा इस सड़क की ओर देखा तक नहीं गया।
बरसात में हो जाती है अधिक खतरनाक
आम दिनों की अपेक्षा बरसात के मौसम में सालों से जर्जर पड़ी यह सड़क और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। सुबह स्कूल जाते बच्चों और अपने काम पर जाते लोगों को आवागमन के दौरान परेशानियाँ झेलनी पड़ रही हैं।
इतना ही नहीं बारिश का पानी इस रोड पर कई महीनों तक यूं ही भरा रहता है और तब पैदल चलना और वाहनों से गुजरना किसी खतरे से कम नहीं रहता है। कुछ दिनों पहले ही 4 लोगों को लेकर जा रहा एक ई-रिक्शा भी इसी रोड पर पलट गया था और सभी लोगों को हाथ व पैरों में चोटें आ गयी थीं।
आंदोलन का मन बना रहे लोग-
लम्बे समय बाद भी सड़क के जर्जर होने के कारण क्षेत्रीय जनों द्वारा अब आंदोलन करने का मन बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से उन्होंने सड़क निर्माण के लिए आग्रह किया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। यही कारण है कि जल्द ही सभी परिवार पक्की एवं सुव्यवस्थित सड़क की माँग कर नगर निगम के अधिकारियों तक अपनी आवाज पहुँचाएँगे।