जबलपुर: अब कृषि उपज मंडी के लिए शहर से बाहर निजी जमीन की होगी तलाश

  • मंडी के सामने चाहे जब लग जाता है जाम, वाहन चालकों को होती है परेशानी
  • रिंग रोड के आसपास 70 से 80 एकड़ सरकारी जमीन नहीं मिली थी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-07 11:39 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शहर के अंदर से कृषि उपज मंडी को हटाकर बाहर करने की योजना काे अमलीजामा पहनाने के लिए एक बार फिर से कवायद शुरू की गई है। अब काेशिश यह है कि कृषि उपज मंडी के लिए निजी जमीन की जानकारी ऑफर के जरिए ली जाए और यदि उपयुक्त जमीन मिलती है तो उसे बाजार मूल्य पर खरीदा जाए। मंडी बोर्ड की सलाह पर प्रशासनिक तंत्र ने निर्माणाधीन रिंग रोड के आसपास सरकारी जमीन तलाशने की भरपूर कोशिश की लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाए। जब सरकारी जमीन है ही नहीं तो सफल होने की उम्मीद भी नहीं थी। यही कारण है कि अब निजी जमीन तलाशने के आदेश दिए गए हैं।

दीनदयाल चौक आईएसबीटी के पास संचालित कृषि उपज मंडी अब शहर के बीच में आ गई है और यहाँ होने वाले भारी वाहनों के आवागमन के कारण आवाजाही में भारी अवरोध पैदा हो रहा है। यही कारण है कि कृषि उपज मंडी को शहर से बाहर भेजे जाने की माँग उठती रही है। प्रशासन ने इस माँग को स्वीकार किया और अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे बन रही रिंग रोड के आसपास ही जमीन की तलाश करें। इसके लिए एसडीएम जबलपुर ने अपने मातहत कर्मचारियों को निर्देश दिए और कई जगह जमीन की तलाश की गई लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाए, कई जमीनों को देखने अधिकारी एकजुट हुए लेकिन कोई न कोई कमी जरूर सामने आई। बाद में यह समझ आया कि जितनी जमीन चाहिए उतनी सरकारी जमीन तो मिलना मुश्किल है, यही कारण था कि तहसीलदार ने एसडीएम को लिखित में दे दिया कि 70 से 80 एकड़ सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है। इसके बाद से मामला ठंडा पड़ा था।

मंडी बोर्ड ने जताई थी इच्छा

कुछ माह पहले मंडी बोर्ड की प्रबंधक संचालक जीवी रश्मि शहर आईं थीं और उन्होंने मंडी का निरीक्षण किया था। यहाँ की व्यवस्थाओं को देखकर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई थी और जल्द ही मंडी के लिए शहर से बाहर लगभग 100 एकड़ जमीन तलाशने के निर्देश दिए थे। उन्होंने रिंग रोड के आसपास की जमीन को प्राथमिकता दी थी। यही कारण है कि प्रशासन भी रिंग रोड को ही प्राथमिकता दे रहा है ताकि भारी वाहनों की आवाजाही बेरोकटोक हो सके।

अब तेज होगी भूमि की तलाश

जानकारों का कहना है कि कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के आदेश के बाद अब सरकारी जमीन छोड़कर निजी भूमि की तलाश होगी और यह तय है कि रिंग रोड के पास निजी भूमि तो मिल ही जाएगी और उसके अधिग्रहण सम्बंधित दस्तावेज तैयार कराए जाएँगे। प्रशासनिक अधिकारियों पर यह दबाव भी होगा कि कम कीमत वाली जमीन मिले वरना मंडी बनाने का फंड भूमि में ही खर्च हो जाएगा।

घंटों के जाम से हजारों लोगों ने झेली समस्या

विगत दिवस मटर की खरीदी को लेकर किसानों ने कृषि उपज मंडी के सामने जाम लगा दिया। इसके चलते आसपास की दर्जनों काॅलोनियों के हजारों लोग परेशान हो गए। वाहनों का कई किलो मीटर का जाम लग गया और कई घंटों यही समस्या रही। यहाँ चाहे जब जाम लगने की समस्या है जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है।

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