जबलपुर: अब तीन किश्त में जमा की जा सकेगी कॉलेज की फीस

  • उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया राहत भरा फरमान
  • राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आयोजित परीक्षा जिले के सभी केंद्रों में सामान्य रूप से संचालित हुई।
  • कई छात्रों को सीट आवंटित होने के बावजूद एडमिशन प्रक्रिया से बाहर होना पड़ रहा था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-05 13:26 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। एक बार में पूरी फीस जमा करने की बाध्यता खत्म होने के साथ अब बेहद सरल हो गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने मंगलवार को राहत भरा फरमान जारी करते हुए तीन किश्तों में फीस जमा करने के रास्ते खोल दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि फीस की वजह से तकरीबन थमी हुई प्रवेश प्रक्रिया में अब रफ्तार दिखाई देगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक मुश्त फीस को दो इंसटॉलमेंट में देने के आदेश जारी किए थे। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश छात्रों को इससे कोई राहत नहीं मिल पाई थी। दूसरी तरफ महाविद्यालयों में खाली पड़ी सीटों ने कॉलेज प्रशासन की चिंता बढ़ा रखी थी।

यही वजह है कि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने इस पर दोबारा विचार किया और तीन किश्त में फीस जमा करने के आदेश निकाल दिए। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन कॉलेजों में प्रवेश शुल्क 5 हजार या इससे कम है वहाँ फीस एकमुश्त जमा करनी होगी।

जहाँ पर प्रवेश शुल्क 5 हजार से अधिक है उन्हें प्रथम किश्त 5 हजार तथा तीन समान किश्तों में फीस जमा करनी होगी। यह आदेश शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में लागू होगा।

पहले 1 हजार में एडमिशन

जानकार बताते हैं कि पिछले साल तक स्नातक में महज 1 हजार रुपए शुल्क जमा कर विद्यार्थी अपना प्रवेश हासिल कर लेते थे। शेष शुल्क किश्तों में जमा करने की सुविधा रही है लेकिन इस बार पूरी फीस लेने का नियम आ गया था।

यही वजह है कि काफी समय बीत जाने के बाद भी छात्रों ने एडमिशन को लेकर कोई रुझान नहीं दिखाया।

…तो घट जाती सीटें

सामान्य और पिछड़ा वर्ग श्रेणी में बीएड-एमएड में पूरी फीस जमा करने की वजह से कई विद्यार्थी प्रवेश लेने से वंचित हो रहे थे। कई छात्रों को सीट आवंटित होने के बावजूद एडमिशन प्रक्रिया से बाहर होना पड़ रहा था। अब स्नातक श्रेणी में भी ऐसी ही परेशानियाँ सामने आईं। इन सब के चलते माना जा रहा था कि रियायत नहीं दी जाती तो इस वर्ष सीटों का घटना तय था।

पाँचवीं-आठवीं की पुन: परीक्षा में फिर आए कम बच्चे

कक्षा 5वीं और 8वीं की पुनः परीक्षा में मंगलवार को भी छात्रों ने रुझान नहीं दिखाया। गणित के पेपर में कुल 5976 छात्रों में से महज 3472 परीक्षार्थी ही शामिल हुए। विभागीय अधिकारियों में इस बात की चिंता बनी रही कि बाकी के 2504 बच्चे परीक्षा में क्यों शामिल नहीं हुए।

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आयोजित परीक्षा जिले के सभी केंद्रों में सामान्य रूप से संचालित हुई। गौरतलब है कि एक दिन पहले भी परीक्षा में आधे बच्चे ही शामिल हुए थे।

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