जबलपुर: साइबर तहसील के जरिए नामांतरण शुरू, आवेदन करने की जरूरत ही नहीं
- अब तहसीलों में लोगों को नहीं भटकना होगा
- एसएमएस के माध्यम से नोटिस क्रेता-विक्रेता तथा ग्राम के सभी निवासियों को प्राप्त होगा।
- प्रक्रिया कृषि भूमि पर शुरू की गई है और जल्द ही शहरी भूमि को भी इसमें शामिल कर लिया जाएगा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। साइबर तहसील परियोजना लागू हो गई है और इसके तहत अब रजिस्ट्री के बाद भूमि के नामांतरण के लिये क्रेता और विक्रेता को न तो तहसील कार्यालय में जाकर आवेदन करने की जरूरत होगी और न हीं उन्हें पेशी पर उपस्थित होना पड़ेगा।
विक्रय पत्र के निष्पादन के तुरंत बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से ऑटोमैटिक प्रणाली से नामांतरण का प्रकरण दर्ज करने के लिये आरसीएमएस पोर्टल पर साइबर तहसील को प्रकरण भेज दिया जायेगा और आपत्ति प्राप्त नहीं होने की स्थिति में तहसीलदार द्वारा तय समय सीमा के भीतर नामांतरण आदेश भी पारित कर दिया जायेगा।
वरिष्ठ जिला पंजीयक डॉ. पवन कुमार अहिरवाल ने बताया कि साइबर तहसील के तहत नामांतरण की संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी और पेपरलेस होगी। इस नवीन प्रणाली से क्षेत्राधिकार की सीमायें भी समाप्त हो जायेंगी। एसएमएस के माध्यम से नोटिस क्रेता-विक्रेता तथा ग्राम के सभी निवासियों को प्राप्त होगा।
दावे और आपत्ति पक्षकारों द्वारा ऑनलाइन दर्ज किये जा सकेंगे। साइबर तहसील में पटवारी रिपोर्ट भी ऑनलाइन जमा करने की सुविधा दी गई है। आदेश एवं राजस्व अभिलेखों में अमल की पूरी प्रक्रिया 15 कार्यदिवस में पूर्ण होंगी तथा आदेश पारित होते ही भू-अभिलेखों में स्वत: सुधार हो जायेगा।
साइबर तहसील में ऐसे मामलों का नामांतरण किया जायेगा, जिसमें संपूर्ण खसरा नंबर या संपूर्ण प्लॉट समाहित है और किसी भी खसरा या प्लॉट का कोई विभाजन नहीं है।
फिलहाल यह प्रक्रिया कृषि भूमि पर शुरू की गई है और जल्द ही शहरी भूमि को भी इसमें शामिल कर लिया जाएगा।