जबलपुर: दुर्लभ कावासाकी बीमारी से पीड़ित मासूम की बचाई जान

  • 3 वर्षीय बालक को लेकर परिजन जिला अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में पहुँचे थे
  • बालक का परीक्षण कर उसे शिशु रोग वार्ड में भर्ती कर दिया गया
  • पाँच दिन चले उपचार के बाद बच्चा स्वस्थ हो गया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-06 08:02 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अमखेरा निवासी एक 3 वर्षीय बालक की तबियत में सुधार न होने के बाद जब परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुँचे, तो जाँच के बाद बच्चे में दुर्लभ कावासाकी बीमारी होने की बात सामने आई। समय रहते उपचार प्रारंभ होने के बाद चिकित्सकों ने बच्चे की जान बचा ली और स्वस्थ होने के बाद बच्चे काे डिस्चार्ज कर दिया। जानकारी के अनुसार 3 वर्षीय बालक को लेकर परिजन जिला अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में पहुँचे थे। बालक चार-पाँच दिन से तेज बुखार की चपेट में था। उसकी आँखें लाल हो गई थीं, गर्दन में गांठ पड़ गई थी, हाथ की अंगुलियों की चमड़ी निकल रही थी, जोड़ों में दर्द के अलावा उसकी जीभ भी लाल थी। बालक का परीक्षण कर उसे शिशु रोग वार्ड में भर्ती कर दिया गया।

तेज बुखार प्रमुख लक्षण, घटती है प्रतिरोधक क्षमता

शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. केके वर्मा ने बताया कि लगातार कई दिनों से तेज बुखार कावासाकी बीमारी का मुख्य लक्षण होता है। बच्चे के परिजन बीते करीब 1 सप्ताह से कहीं और उपचार ले रहे थे, लेकिन आराम नहीं मिल रहा था। जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद कावासाकी की जाँच कराई गई। इस बीमारी में हृदय संबंधी गंभीर जटिलताओें का खतरा रहता है। खून की जाँच, ईसीजी समेत अन्य आवश्यक जाँचें कराई गईं, जिसमें कावासाकी का पता चला। बच्चे को शिशु रोग गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया। पाँच दिन चले उपचार के बाद बच्चा स्वस्थ हो गया।

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