Jabalpur News: शोभापुर अंडरब्रिज पर छाया रहता है अंधकार
- शाम के बाद ही आवाजाही करने वाले डरते हैं, बिजली व्यवस्था की माँग
- स्थानीय लोगों की माँग है कि चाहे नगर निगम या रेलवे कोई भी करे लेकिन ब्रिज पर रोशनी के इंतजाम होने चाहिए।
- कई असामाजिक तत्व भी घूमते रहते हैं ऐसे में किसी भी दिन किसी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है।
Jabalpur News: लम्बी कवायद के बाद व्हीकल फैक्ट्री न्यू शोभापुर के पास रेलवे लाइन पर आरओबी बनाया गया और फाटक बंद करके अंडर ब्रिज का निर्माण भी किया गया, ताकि लोगों को ट्रेन की पटरियाँ पार न करना पड़े। अंडरब्रिज तो बन गया लेकिन इसमें रोशनी के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। मुख्य मार्ग से दूर अंडरब्रिज में शाम के बाद अंधेरा पसर जाता है और यही कारण है कि लोग इससे आवाजाही करने में डरते हैं। कामकाजी महिलाएँ तो डर के मारे लम्बे रास्ते से निकलना पसंद करती हैं। स्थानीय लोगों की माँग है कि चाहे नगर निगम या रेलवे कोई भी करे लेकिन ब्रिज पर रोशनी के इंतजाम होने चाहिए।
एक समय नये शोभापुर रेल फाटक से करीब 100 ट्रेनें निकलती थीं और इतनी ही बार यह फाटक बंद होता था। ऐसे में आवाजाही करने वालों की सड़क के दोनों तरफ लाइन लग जाती थी। इससे रोजाना कई बार जाम की नौबत आती थी। इसे देखते हुए यहाँ रेल ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया और ब्रिज बन भी गया। अधिकांश लोग ब्रिज के ऊपर से ही आवाजाही करते हैं लेकिन पैदल और दोपहिया चालक अंडर ब्रिज का उपयोग करते हैं और आसानी से सड़क के आर-पार चले जाते हैं लेकिन यहाँ बिजली की कमी बेहद खल रही है।
ब्रिज के अंदर घुप अंधेरा छाया रहता है जिससे शाम के बाद ही लोग इसका उपयोग करने में डरते हैं। कई लोगों का कहना है कि अंडर ब्रिज में रोशनी के इंतजाम किए जाने चाहिए। अधारताल की ओर इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण कामकाजी लोग बड़ी संख्या में पैदल ही आवाजाही करते हैं उनकी भी माँग होती है कि ब्रिज को रोशन किया जाए।
पढ़ने वाले बच्चों को भी परेशानी
कंचनपुर की तरफ से शोभापुर और शोभापुर की तरफ से अधारताल की ओर दर्जनों बच्चे टयूशन या कोचिंग पढ़ने जाते हैं। ऐसे में जब वे शाम या रात को घर वापस होते हैं तो उनके माँ-बाप परेशान रहते हैं कि अंडर ब्रिज से बच्चे कैसे निकलेंगे। यहाँ कई असामाजिक तत्व भी घूमते रहते हैं ऐसे में किसी भी दिन किसी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है।