Jabalpur News: 14 किलोमीटर की गौर-बरेला सड़क को 4 विभाग में बाँटा, मेंटेनेंस करे कौन

  • 70 करोड़ से फोरलेन बनी सड़क पर कई जगह दरारें सुधारने वाला कोई नहींं मुख्य मार्ग की अनदेखी
  • क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस मार्ग को वैसे ही कम चौड़ाई में बनाया गया है।
  • कई विभागों में बँटी यह सड़क फिलहाल बदतर स्थिति में पहुँच गई है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-12-03 13:27 GMT

Jabalpur News: वायएमसीए तिराहे से बिलहरी, तिलहरी गौर और फिर बरेला के आगे तक 14 किलोमीटर के दायरे में 5 साल पहले 50 फीट चौड़ी फोरलेन सड़क बनाई गई। इस मार्ग को केन्द्र सरकार के फण्ड से निर्मित किया गया। 70 करोड़ के बजट से बनी इस सड़क को लोक निर्माण एनएच ने बनाने के बाद अलग-अलग हिस्सों को 4 अलग-अलग विभागों को दे दिया।

लोक निर्माण विभाग, कैंट बोर्ड, नगर निगम और नगर परिषद बरेला को यह अलग-अलग हिस्से की सड़क दी गई। कई विभागों में बँटी यह सड़क फिलहाल बदतर स्थिति में पहुँच गई है। इसमें पैनल क्रैक के साथ जगह-जगह दरारें, जर्क मारते पैनल क्रैक, बिना मार्किंग की सड़क पर निकलना परेशानियों से भरा है।

जिन 4 विभागों को ये हिस्से मिले उन्होंने इस मार्ग में आज तक एक थिगड़ा तक नहीं लगाया, इसलिए इसकी ऐसी हालत हो गई। रात के वक्त बिना मार्किंग की सीमेण्टेड सड़क पर चलना किसी मुसीबत से कम नहीं है। अभी विशेष बात यह है कि किसी विभाग के पास इस मार्ग को अपने हिस्से को अपग्रेड करने की योजना नहीं है।

वैसे कम चौड़ाई में बनाई

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस मार्ग को वैसे ही कम चौड़ाई में बनाया गया है। यह क्षेत्र तेजी से रिहायशी इलाके के साथ व्यावसायिक इलाके में भी तब्दील हो रहा है। इसमें सड़क की चौड़ाई को बढ़ाना बेहद जरूरी है। जब यह मार्ग बन रहा था उसी समय इसको 80 फीट चौड़ा बनाया जाना था, पर कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद इसकी चौड़ाई से समझौता किया गया।

5 साल पहले जो गलती की गई अब उसका खामियाजा जनता भुगतने लगी है। इस मार्ग पर जानकारों का कहना है कि सर्विस रोड तक का प्लान था जिसको हटा दिया गया। अब क्षेत्र के विकसित होने के बाद इस मार्ग का अपग्रेड होना जरूरी हो गया है।

कम से कम मेनटेन तो रखें

सड़क की दिनों-दिन खराब होती हालत को लेकर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सड़क अलग-अलग विभागों के हिस्से में आती है इससे जनता को कोई सरोकार नहीं है। जितने विभाग हैं वे सब जनता के लिए काम करते हैं यदि उन्हें लोगों की परेशानी का जरा भी ख्याल है तो कम से कम इसमें जरूरी सुधार ही करा दिया जाए।

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