जबलपुर: 5 साल का अनुभव है तो पैरामेडिकल के असि. प्रोफेसर्स भी अब कर सकेंगे परीक्षा से जुड़े कार्य
- मप्र यूनिवर्सिटी ने लिया निर्णय, मेडिकल कॉलेज के डेमोंस्ट्रेटर भी इसमें शामिल
- पूर्व में पैरामेडिकल कोर्स की परीक्षाओं के लिए एमडी पैथोलॉजी के टीचर्स पेपर सेट करने के साथ अन्य कार्य कर रहे थे
- प्रैक्टिकल परीक्षा आदि के लिए नियमों में संशोधन कर दिया है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। प्रदेश भर के पैरामेडिकल स्टूडेंट्स की परीक्षाओं में देरी होने और अकादमिक कैलेंडर के अनुसार कार्य न होने की समस्या लगातार सामने आने के चलते मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने परीक्षाओं से जुड़े विभिन्न कार्य जैसे कि मूल्यांकन, प्रश्न-पत्र सेट करना, प्रैक्टिकल परीक्षा आदि के लिए नियमों में संशोधन कर दिया है।
इन कार्यों को अब पैरामेडिकल संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर्स और मेडिकल कॉलेज के डेमोंस्ट्रेटर भी कर सकेंगे। विवि में इस संबंध में निर्णय हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा होने से परीक्षाओं से जुड़े कार्य तेजी से हो सकेंगे और परीक्षा के साथ परिणाम भी समय पर आ सकेगा।
5 वर्ष का अनुभव जरूरी
जानकारी के अनुसार उन्हीं टीचर्स को परीक्षा से जुड़े कार्य के लिए उपयुक्त माना जाएगा, जिनके पास कम से कम 5 वर्ष का अनुभव हो। पूर्व में पैरामेडिकल कोर्स की परीक्षाओं के लिए एमडी पैथोलॉजी के टीचर्स पेपर सेट करने के साथ अन्य कार्य कर रहे थे।
पैरामेडिकल के असि. प्रोफेसर पात्रता होने के बाद भी इससे वंचित रह जाते थे। वर्ष 2021 में पैरामेडिकल काउंसिल ने इसके लिए अर्हताएँ निर्धारित की थीं, जिसके बाद विवि ने कार्यपरिषद की बैठक में विषय को रखा, जहाँ इस पर अंतिम मुहर लगी।
आने वाली परीक्षाओं में दिखेगा असर
विवि के रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल ने बताया कि पुरानी व्यवस्था में एकेडमिक कैलेंडर फॉलो करने में समस्या आ रही थी। विभिन्न कारणों से परीक्षाओं, रिजल्ट आदि में देर हो जाती थी। नई व्यवस्था से ऐसा नहीं होगा। इसका परिणाम आने वाली परीक्षाओं में दिखाई देगा।