स्वास्थ्य : प्रदेश का पहला एनक्यूएएस सर्टिफाइड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना पाटन का गाड़ाघाट
अच्छी खबर: गर्भवती महिलाओं और बच्चों से जुड़ी चिकित्सा सुविधाओं के अलावा है हर्बल गार्डन
डिजिचल डेस्क,जबलपुर।
जिले में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने की सबसे छोटी इकाई को प्रदेश का पहला एनक्यूएएस सर्टिफिकेट मिला है। पाटन विकासखंड में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्र गाड़ाघाट को नेशनल क्वाॅलिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स के मुताबिक तैयार किया गया है, जहाँ न सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराई गई हैं। इसके अलावा हर्बल गार्डन, ऑर्गेनिक आयरन गार्डन, योगा सेंटर भी बनाया गया है। यह सेंटर आयुष्मान भारत के तहत तय किए गए मानकों के मुताबिक स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कर रहा है। इसके लिए स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है। सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण राष्ट्रीय स्तर के असेसर्स द्वारा किया गया था, जिसका परिणाम घोषित हो गया है। एनक्यूएएस सर्टिफिकेट के मिलने के बाद अब एचडब्ल्यूसी गाड़ाघाट को 1 लाख 25 हजार रुपयों का वार्षिक प्रोत्साहन मिलेगा। इस उपलब्धि में बीएमओ पाटन डॉ. आदर्श विश्नोई के निर्देशन में केंद्र की सीएचओ भारती केवट, एएनएम सुनीता सिंह, जिला क्वाॅलिटी मैनेजर डॉ. शिखा गर्ग और डॉ. ऐश्वर्या राजपूत का योगदान रहा। क्षेत्रीय संचालक और सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने इस उपब्लधि पर सभी को प्रोत्साहित किया।
10 हजार केंद्रों में पहला
बीएमओ डॉ. विश्नोई ने बताया कि जबलपुर जिले में 200 और प्रदेश में करीब 10 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं। ऐसे में सभी में सबसे पहले एनक्यूएएस हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन, चिकित्सकों और स्टाफ की मदद से यह संभव हो सका। गाड़ाघाट सेंटर में सीएचओ और एएनएम के रूप में दो सदस्यीय स्टाफ सेवाएँ दे रहा है।
सेंटर में ये सुविधाएँ
हवादार योगारूम, जहाँ 20 से 30 लोग योग कर सकते हैं।
गाँव के मरीज को दवाओं के लिए बार-बार सीएचसी जाने की जरूरत नहीं।
बीपी, शुगर की जाँच के अलावा इन्सुलिन लगाए जाने की सुविधा।
विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह लेने टेलीमेडिसिन सेंटर।
बच्चों के लिए खेल सुविधा और अनुकूल वातावरण प्रदान करने वाला टीकाकरण केंद्र।