फैकल्टी की कमी, आयुर्वेद कॉलेज को इस सत्र के लिए सशर्त मान्यता

पिछले वर्ष भी कम थे आयुष शिक्षक, इस वर्ष और कम हुए, कमी पूरी करने मिला 31 दिसंबर तक का वक्त

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-28 08:35 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शासकीय स्वशासी आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर बीते सत्र से फैकल्टी की कमी से जूझ रहा है। बीते वर्ष जहाँ भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) ने सत्र 2022-23 की मान्यता निरस्त करने बाद कुछ शर्तों के साथ दोबारा मान्यता दी थी, वहीं अब सत्र 2023-24 के लिए एक बार फिर सशर्त मान्यता दी गई है। हालांकि इसके साथ कुछ जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं।

जानकारी के अनुसार आयुर्वेद कॉलेज में प्रोफेसर्स और रीडर्स की संख्या जरूरत के मुकाबले कम है। बीते सत्र में जहाँ 1 फैकल्टी की कमी थी, वहीं इस सत्र में 2 और फैकल्टी का स्थानांतरण हो जाने से स्थिति गड़बड़ हो गई है। वर्तमान में कॉलेज में फैकल्टी की संख्या, एनसीआईएसएम द्वारा निर्धारित न्यूनतम संख्या से भी कम है। जानकारी के अनुसार कॉलेज में 75 सीटों पर प्रोफेसर, असि. प्रोफेसर और एसो. प्रोफेसर मिलाकर न्यूनतम 29 फैकल्टी होने चाहिए। बीते सत्र में 1 फैकल्टी की कमी के चलते कुल संख्या 28 पर थी, लेकिन हाल ही में 1 प्रोफेसर और 1 असिस्टेंट प्रोफेसर का भोपाल स्थानांतरण हुआ है, जिसके बाद वर्तमान स्थिति में यह संख्या 26 पर पहुँच गई है। पहले ही आयुष शिक्षकों की कमी से जूझ रहे कॉलेज की मान्यता आगे भी जारी रहेगी या नहीं इस पर संशय की स्थिति बन गई है, हालांकि एनसीआईएसएम ने मान्यता प्रदान करते हुए 31 दिसंबर तक का वक्त कमी पूरी करने के लिए दिया है। वहीं मान्यता मिलने के बाद इस सत्र की काउंसलिंग में कॉलेज में प्रवेश मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

नहीं हो रही आयुष शिक्षकों की भर्ती

जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा आयुष शिक्षकों की भर्ती नहीं किया जाना ही फैकल्टी में कमी होने का सबसे बड़ा कारण है, जिसके कारण प्रदेश के कई आयुर्वेद कॉलेज में फैकल्टी की कमी है। सरकार का इस ओर ध्यान न होने से कई कॉलेजों की मान्यता पर संकट मँडरा रहा है।

जल्द ही पूरी होगी कमी

कॉलेज को सत्र 2023-24 के लिए सशर्त मान्यता मिली है। फैकल्टी की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फैकल्टी की कमी को लेकर शासन स्तर पर जानकारी दी गई है, जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा।

-डॉ. एलएल अहिरवाल प्राचार्य, आयुर्वेद कॉलेज

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