जबलपुर: 96% ऑक्यूपेंसी होने के बाद भी बंद कर दी जबलपुर मुंबई उड़ान
- मुंबई के अलावा पुणे, बेंगलुरु, अहमदाबाद और कोलकाता उड़ानों के लिए तरस रहे फ्लायर्स
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री मध्यप्रदेश से होने के बाद भी लगातार छली जा रही संस्कारधानी
- स्पाइसजेट ने जबलपुर से एक ही झटके में सारी उड़ानें बंद कर दीं और ग्वालियर से शुरू कर दीं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जब केंद्र सरकार में मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया था तो जबलपुर में खुशी की लहर थी। ये उम्मीद की गई थी कि जबलपुर में एयरपोर्ट विस्तार में तेजी आएगी और जबलपुर को नई उड़ानें मिलेंगी, लेकिन हुआ उल्टा।
सबसे पहले स्पाइसजेट ने अपना डेरा जबलपुर से समेटकर ग्वालियर में जमाया और फिर 96 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के बावजूद इंडिगो ने मुंबई-जबलपुर-मुंबई उड़ान मुंबई एयरपोर्ट पर रीकारपेटिंग की आड़ में बंद कर दी। वहीं मुंबई-ग्वालियर-मुंबई उड़ान हवाई जहाज खाली होने के बावजूद चालू रखी। इतना ही नहीं मुंबई-ग्वालियर-मुंबई के बीच अकासा एयरलाइन की नई उड़ान भी शुरू कर दी।
स्पाइसजेट जबलपुर में बरसों से उड़ानें ऑपरेट कर रही थी। स्पाइसजेट न केवल दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता की उड़ानें संचालित करती रही, बल्कि सप्ताह में तीन दिन पुणे की उड़ान भी ऑपरेट करती रही। इतना ही नहीं बीच में चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत तक की उड़ानें संचालित की।
इस बीच इंडिगो ने जबलपुर में कदम रखा और उसी दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बन गए। मध्यप्रदेश के होने के कारण श्री सिंधिया पर संस्कारधानी के बाशिंदों को काफी भरोसा था कि एयरपोर्ट विस्तार के साथ उड़ानों में भी विस्तार होगा।
इस वक्त मुंबई और दिल्ली के लिए स्पाइसजेट ने छोटे क्यू-400 एयरक्राफ्ट की जगह बड़ा बोइंग-737 लगा दिया। ऐसा लगा कि श्री सिंधिया का फायदा मिलने लगा पर अचानक एक दिन पता चला कि स्पाइसजेट ने जबलपुर से एक ही झटके में सारी उड़ानें बंद कर दीं और ग्वालियर से शुरू कर दीं।
ये समझ से परे था कि जबलपुर को स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह दुबई जैसा कमाऊ एयरपोर्ट कहते थे, फिर यहाँ से सर्विसेज़ क्यों पूर्णतः बंद कर दीं? ये आश्चर्यजनक के साथ-साथ दुर्भाग्यपूर्ण भी था कि स्पाइसजेट ने कम यात्री होने के बावजूद श्री सिंधिया के गृहनगर ग्वालियर से उड़ानें शुरू कर दीं, वो भी जबलपुर की कीमत पर।
इस दौरान भोपाल से किसी उड़ान में कटौती नहीं हुई, यहाँ तक कि इंदौर से भी उड़ानें बढ़ गईं। साफ दिख रहा था कि जबलपुर के साथ अन्याय हुआ और उसकी वजह श्री सिंधिया काे मप्र का नहीं बल्कि केवल ग्वालियर का हित देखना था।
जबलपुर की उड़ान क्यों बंद की
मुंबई-जबलपुर-मुंबई उड़ान को मुंबई एयरपोर्ट में रीकारपेटिंग को कारण बताकर बंद करना किसी को पच नहीं रहा है। ये माना कि डीजीसीए के निर्देश पर मुंबई एयरपोर्ट से उड़ानों में कटौती करनी थी तो फुल लोड होने के बाद जबलपुर की उड़ान ही क्यों बंद की गई, वो भी तब जब उड़ान सप्ताह में मात्र तीन दिन ही संचालित हो रही थी।
कई ऐसी उड़ानें देश भर से मुंबई आती होंगी, जिनमें फुल लोड नहीं होता होगा या फिर उन शहरों के लिए एक से अधिक उड़ानें चल रही होंगी। जले पर नमक ऐसे छिड़का गया कि जबलपुर से मुंबई उड़ान को बंद किया और ग्वालियर से मुंबई की इंडिगो की उड़ान चलते हुए अकासा एयरलाइन की नई उड़ान शुरू कर दी।
साफ नजर आ रहा है कि श्री सिंधिया ने ग्वालियर को फायदा पहुँचाने के लिए जबलपुर की उड़ानों की बलि ले ली। हाँ, झुनझुने के तौर पर सप्ताह में एक दिन स्पाइसजेट की जबलपुर-मुंबई उड़ान शुरू करा दी। आँकड़े बताते हैं कि जबलपुर की उड़ानों की संख्या कम होती गई और ग्वालियर से उड़ानें बढ़ती चली गईं।
एयरपोर्ट का लोकार्पण भी टलवाया
नये विस्तारित डुमना एयरपोर्ट का लोकार्पण 29 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली करने वाले थे, पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उसे टलवा दिया। अब ये लोकार्पण ग्वालियर हवाई अड्डे के साथ संभवतः 10 मार्च को होगा और अगर इस बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई तो ये और भी टल जाएगा।
जबलपुर के फ्लायर्स करीब 5 सौ करोड़ रुपए की लागत से बने हवाई अड्डे का लाभ ही नहीं उठा पा रहे हैं। फ्लायर्स दुःखी भी हैं कि हवाई अड्डे का विस्तार हो गया पर उड़ानें कम हो गईं।
इंडिगो के अधिकारियों से चर्चा की - राकेश सिंह
पीडब्ल्यूडी मंत्री और जबलपुर के पूर्व सांसद राकेश सिंह ने बताया कि उन्होंने आज ही लोड होने के बाद भी मुंबई उड़ान बंद करने को लेकर इंडिगो के ऑपरेशनल अधिकारियों से बात की है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि इंडिगो के नेटवर्क डिपार्टमेंट से चर्चा कर के जल्द ही समस्या का कोई न कोई हल निकालेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि वो इस बात से नाखुश हैं कि जबलपुर से उड़ानें घटती जा रही हैं। एक समय था, जब यहाँ से उड़ानें बढ़ रही थीं और ऑक्यूपेंसी भी भरपूर थी। उसके बावजूद फ्लाइट बंद होने पर श्री सिंधिया से भी चर्चा की है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर फिर से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से चर्चा करेंगे।
जबलपुर एयरपोर्ट म्यूजियम बन जाएगा
जबलपुर चेम्बर ऑफ काॅमर्स के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम दुबे का कहना है कि मुंबई हवाई अड्डे का सुधार कार्य के बहाने जबलपुर से मुम्बई की डायरेक्ट उड़ानें बंद कर दी गई हैं जिससे जबलपुर के उद्योग-व्यापार पर बहुत असर पड़ने लगा है। डुमना एयरपोर्ट उद्घाटन के लिए तैयार है और विमानन कम्पनियाँ उड़ान बढ़ाने के बजाय बंद करने में लगी हैं। यही हाल रहा तो विमानतल एक म्यूजियम मात्र बन कर रह जाएगा।
जबलपुर के अनेक व्यक्ति इलाज के लिए मुम्बई जाते हैं, जिन्हें 8 से 10 घंटे लगातार विमान से मुंबई पहुँचने में लगते हैं क्योंकि सीधी फ्लाइट की सुविधा न मिलने के कारण विमान यहाँ-वहाँ से होकर जाता है। जिसमें समय तो ज्यादा लग ही रहा है। और दूसरी ओर विमानन कंपनियाँ लगातार किराया भी बढ़ा रही हैं। सरकार ने कहा था कि भारत में हवाई चप्पल पहनने वाला भी एक दिन हवाई यात्रा करेगा लेकिन अब तो अमीर व्यक्ति भी हवाई सफर में कटौती करने लगा है।
चेंबर के श्री दुबे का मानना है कि जिस तरह से करोड़ों रुपए खर्च कर एयरपोर्ट का विस्तार किया गया है, उस हिसाब से यहाँ से उड़ानों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होनी चाहिए। बड़े विमान आने चाहिए। चेंबर के कमल ग्रोवर, राधेश्याम अग्रवाल, अजय अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, दीपक जैन, अजय बख्तावर, नरिंदर सिंह पांधे, रजनीश त्रिवेदी, निखिल पाहवा, राकेश श्रीवास्तव, अरुण पवार, दीपक सेठी, जितेंद्र पचौरी, दीपक नोगरेया, प्रतीक अग्रवाल, शशिकांत पांडे, उमेश ग्रावकर सहित अन्य ने बंद की गई उड़ानों को शीघ्र चालू करने की माँग की है।