जबलपुर: फ्यूल सरचार्ज से हर महीने बिजली के दाम बढ़ा रहीं बिजली कम्पनियाँ
- सरचार्ज की ज्यादा उगाही होने पर वितरण कम्पनियों से वसूली के नियामक आयोग ने दिए हैं दिशा-निर्देश
- नागरिक उपभोक्ता मंच ने आपत्ति भेजी
- अप्रैल 2024 से हुए फ्यूल तथा पाॅवर परचेस के आधार पर नया फ्यूल सरचार्ज तय करना गैर कानूनी होगा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मार्च में फ्यूल सरचार्ज 4.72 प्रतिशत था जिसे अप्रैल में 5.24 प्रतिशत कर दिया गया। आखिर इतना अंतर कैसे हो गया। जबकि मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 17 मार्च 2023 में फ्यूल सरचार्ज से हर माह बिजली के दाम तय करने सम्बंधी जारी रेगुलेशन के क्लॉज 9.9 में निर्देश दिए गए हैं कि यदि वितरण कम्पनियाँ फ्यूल सरचार्ज ज्यादा वसूल करेंगी तो यह राशि वितरण कम्पनियाें से वसूल की जाएगी।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा फ्यूल सरचार्ज को आगे जारी रखने संबंधी निर्धारित कॉस्ट रेट से 1.20 गुना ज्यादा पेनाल्टी लगाकर सत्यापन के समय वसूली की जायेगी।
वर्तमान में पाॅवर मैनेजमेंट कंपनी ने फरवरी से 2 माह के बीच हुए फ्यूल तथा बिजली खरीदी के आधार पर गणना कर अप्रैल 2024 का फ्यूल सरचार्ज तय किया है। फ्यूल सरचार्ज मार्च में 4.72 प्रतिशत था, उसे अप्रैल में 5.24 प्रतिशत बढ़ाया गया है।
इन माहों में फ्यूल तथा बिजली खरीदी में इतना फर्क कैसे हुआ, यह आपत्ति नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने बुधवार को मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजी है।
30 जून तक सत्यापन अनिवार्य
डॉ. नाजपांडे ने बताया कि रेगुलेशन के क्लॉज 9.8 में स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी आर्थिक वर्ष में फ्यूल सरचार्ज के जरिए हुई राजस्व वसूली का सत्यापन 30 जून तक होना अनिवार्य है, जब तक पुराने वसूली का सत्यापन नहीं होगा तब तक नये आर्थिक वर्ष अप्रैल 2024 से हुए फ्यूल तथा पाॅवर परचेस के आधार पर नया फ्यूल सरचार्ज तय करना गैर कानूनी होगा।
मंच के रजत भार्गव, एड. वेदप्रकाश अधौलिया, डीआर लखेरा, मनीष शर्मा ने बताया कि आयोग को सत्यापन की प्रक्रिया जारी करने के लिये संबंधितों को निर्देश जारी करना चाहिये।